UPI की ताकत से डिजिटल लेनदेन में दर्ज हुई रिकॉर्ड बढ़त, मोबाइल पेमेंट को मिली बूम
punjabkesari.in Friday, Apr 11, 2025 - 06:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में डिजिटल पेमेंट का ट्रेंड काफी तेज़ी से बढ़ रहा है। खासकर UPI के कारण मोबाइल से भुगतान में जबरदस्त उछाल आया है। 2024 की दूसरी छमाही में मोबाइल पेमेंट का कुल मूल्य लगभग 198 लाख करोड़ पहुंच गया है।
कार्ड की तुलना में 14.5 % ज्यादा हुआ मोबाइल लेन-देन-
यह आंकड़ा कार्ड (क्रेडिट और डेबिट दोनों) से किए गए भुगतान की तुलना में 14.5 % अधिक है। इसका मतलब है कि लोग अब पैसों के लेन-देन के लिए मोबाइल को सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।
UPI का दबदबा कायम-
UPI लेन-देन का कुल मूल्य 31% बढ़कर 130 लाख करोड़ हो गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के अंत तक देश में कुल 63.34 करोड़ UPI QR कोड इस्तेमाल में थे। 2024 की दूसरी छमाही में UPI के जरिए कुल 93.23 अरब (9323 करोड़) लेन-देन हुए, जो साल-दर-साल 42% की बढ़ोतरी है।
माइक्रो ट्रांजेक्शन में भी UPI का बोलबाला-
रिपोर्ट में बताया गया कि P2M (व्यक्ति से व्यापारी) लेन-देन में 50% की वृद्धि हुई है। हालांकि, इन लेन-देन का औसत टिकट साइज कम हुआ है-
- 2023 में UPI का औसत टिकट साइज: रुपए 1515
- 2024 में गिरकर रह गया: रुपए 1396 (8% की गिरावट)
- P2M लेन-देन में ATS घटकर रुपए 626 हो गया (4.7% की गिरावट)
- इससे साफ है कि UPI अब micro payments के लिए भी प्रमुख तरीका बन गया है।
P2P और P2M में भी तेजी-
- P2M (व्यक्ति-से-व्यापारी) लेन-देन का मूल्य: रुपए 36.35 लाख करोड़ (43% वृद्धि)
- P2P (व्यक्ति-से-व्यक्ति) लेन-देन का मूल्य: रुपए 93.84 लाख करोड़ (26% वृद्धि)
लेन-देन की संख्या में भी तेजी:
- P2M ट्रांजेक्शन: 5803 करोड़ (50% बढ़ोतरी)
- P2P ट्रांजेक्शन: 3521 करोड़ (30% बढ़ोतरी)
सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले UPI ऐप्स-
- फोनपे, गूगल पे और पेटीएम UPI ट्रांजेक्शन में सबसे आगे हैं।
- लेन-देन की संख्या में हिस्सेदारी: 93%
- लेन-देन के मूल्य में हिस्सेदारी: 92%
- - कार्ड लेन-देन का हाल
2024 की दूसरी छमाही में-
- कुल कार्ड ट्रांजेक्शन: 410 करोड़ (11% वृद्धि)
- डेबिट कार्ड से लेन-देन: 82 करोड़ (29% गिरावट)
- क्रेडिट कार्ड से लेन-देन: 242 करोड़ (36% वृद्धि)
- कुल कार्ड लेन-देन का मूल्य: ₹13.64 लाख करोड़ (8% की वृद्धि)
- क्रेडिट कार्ड का योगदान: ₹10.76 लाख करोड़ (14% की बढ़त)
- डेबिट कार्ड का योगदान: ₹2.55 लाख करोड़ (16% की गिरावट)