Diabetes Alert : खानदान में थी किसी को शुगर की बीमारी, तो जेनेटिक बम फटने से पहले ही हो जाएं सतर्क! वरना ये लापरवाही...
punjabkesari.in Sunday, Dec 21, 2025 - 11:30 AM (IST)
Diabetes Alert : भारत में डायबिटीज (मधुमेह) तेजी से एक महामारी का रूप ले रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि खराब जीवनशैली और खान-पान तो इसके बड़े कारण हैं ही लेकिन यदि आपके परिवार में किसी को डायबिटीज है तो आपकी मुसीबतें दोगुनी हो सकती हैं। जेनेटिक कारणों से होने वाले मधुमेह से बचने के लिए सावधानी ही एकमात्र उपाय है। अगर आपके माता-पिता या दादा-दादी को यह बीमारी रही है तो खुद को सुरक्षित रखने के लिए आज से ही इन नियमों को अपनी डायरी में नोट कर लें।
1. खान-पान में अनुशासन है सबसे जरूरी
डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री होने का मतलब है कि आपका शरीर चीनी और कार्बोहाइड्रेट के प्रति ज्यादा संवेदनशील है। ज्यादा मीठा और ऑयली खाना आपके इंसुलिन लेवल को बिगाड़ देता है। अपनी डाइट में हरी सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें।
2. वजन कम करें, खतरा टालें
बढ़ता वजन टाइप-2 डायबिटीज का सबसे बड़ा निमंत्रण है। शरीर में चर्बी बढ़ने से इंसुलिन सही से काम नहीं कर पाता। यदि आप अपने वर्तमान वजन को थोड़ा भी कम कर लेते हैं तो अनुवांशिक (Genetic) डायबिटीज होने की संभावना काफी कम हो जाती है। रोजाना कम से कम 30 मिनट योग या एक्सरसाइज करें। यह शरीर में शुगर को पचने में मदद करता है।
3. भरपूर पानी और नशों से दूरी
पर्याप्त पानी पीने से किडनी के जरिए अतिरिक्त शुगर शरीर से बाहर निकल जाती है और खून में शुगर का स्तर सामान्य रहता है। धूम्रपान या शराब न केवल शुगर बढ़ाते हैं बल्कि शरीर के अंगों (लिवर और किडनी) को कमजोर कर देते हैं जिससे डायबिटीज का प्रभाव और घातक हो जाता है।
4. समय-समय पर 'प्री-डायबिटीज' टेस्ट
डायबिटीज रातों-रात नहीं होती। यह शरीर में दस्तक देने से पहले 'प्री-डायबिटीज' के संकेत देती है। अगर आपके घर में बीमारी की हिस्ट्री है तो हर 6 महीने में अपना HbA1c और फास्टिंग शुगर टेस्ट जरूर करवाएं।
क्या आपका शुगर लेवल नॉर्मल है?
अपनी रिपोर्ट चेक करते समय इन पैमानों का ध्यान रखें:
| स्थिति | खाली पेट (Fasting) | खाने के 2 घंटे बाद |
| सामान्य व्यक्ति | 100 mg/dl से कम | 140 mg/dl से कम |
| डायबिटीज मरीज | 70 से 130 mg/dl | 180 mg/dl से कम |
एक्सपर्ट टिप
बीमारी को विरासत समझकर स्वीकार करने के बजाय अपनी जीवनशैली बदलकर उस 'जेनेटिक चैन' को तोड़ें। सही समय पर किया गया बदलाव आपको ताउम्र दवाओं से दूर रख सकता है।



