Dhanteras 2025: धनतेरस की शाम गलती से भी न करें ये भूल! जानें सही दिशा और नियम
punjabkesari.in Saturday, Oct 18, 2025 - 12:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क : दीपावली के पाँच दिवसीय महापर्व की शुरुआत आज धनतेरस (Dhanteras 2025) के साथ हो रही है। इसे धन्वंतरि त्रयोदशी भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान धनवंतरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।
इस पावन अवसर पर धातु के बर्तन, सोना, चांदी या अन्य शुभ वस्तुएं खरीदना अत्यंत मंगलकारी माना जाता है। धनतेरस पर माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा के अलावा शाम को 'दीपदान' यानी दीपक जलाने का भी विशेष विधान है।
यमराज के नाम का दीपक क्यों?
धनतेरस की शाम को घर के मुख्य द्वार, खिड़कियों और आंगन में दीपक जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस दिन यमराज (मृत्यु के देवता) के नाम से भी एक विशेष दीपक जलाया जाता है। यह दीपक परिवार को अकाल मृत्यु या किसी भी अशुभ प्रभाव से बचाने के लिए जलाया जाता है। दीपदान करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी है।
पूजा घर में जलाएं घी का दीपक
शाम के समय पूजा घर में मां लक्ष्मी और कुबेर देवता के नाम से दीपक जलाना चाहिए। इस दीपक में गाय के घी का उपयोग करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि पूजा स्थल पर घी का दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि, धन-वैभव और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
दक्षिण दिशा में यम का चौमुखी दीपक
यमराज के नाम का दीपक हमेशा दक्षिण दिशा में जलाया जाता है। यह दीपक चौमुखी होना चाहिए, यानी इसमें चार बत्तियां होनी चाहिए। इस दीपक को जलाने का मतलब होता है कि परिवार पर अकाल मृत्यु का साया टलता है और कष्ट कम होते हैं। इस दीपक को जलाने का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 48 मिनट से 7 बजकर 4 मिनट तक रहेगा।
कितने दीपक जलाना शुभ?
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार धनतेरस के दिन 13 दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। पहला दीपक घर के बाहर किसी कोने में, यम के नाम से दक्षिण दिशा में रखा जाता है।
दीपदान का शुभ समय और मंत्र
इस साल दीपदान का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 48 मिनट से 7 बजकर 04 मिनट तक रहेगा, जिसकी कुल समयावधि 1 घंटा 16 मिनट है।
दीपक जलाते समय इन बातों का रखें ध्यान
दीपक को घी या फिर तिल के तेल से ही जलाएं। दीपक हमेशा साफ-सुथरे स्थान पर ही रखें। दीपक जलाते समय ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः या ॐ कुबेराय नमः मंत्र का जाप करना बहुत फलदायी माना गया है।