India's Most Clever Thug: भारत का ऐसा सबसे शातिर ठग जिसने जज बनकर सुना दिया अपनी ही रिहाई का फैसला, हैरान कर देगा यह मामला
punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 10:23 AM (IST)

नेशनल डेस्क। दुनिया में कई शातिर ठग हुए हैं लेकिन भारत के धनीराम मित्तल की कहानी ऐसी है जो किसी भी क्राइम थ्रिलर फिल्म को मात दे सकती है। इस महाठग ने न सिर्फ एक हजार से ज्यादा गाड़ियां चुराईं बल्कि एक बार जज बनकर अपनी ही रिहाई का फैसला सुना दिया था।
कौन था धनीराम मित्तल?
हरियाणा का रहने वाला धनीराम मित्तल एक पढ़ा-लिखा शख्स था। उसने रोहतक से बीएससी और राजस्थान से एलएलबी की पढ़ाई की थी लेकिन सरकारी नौकरी न मिलने पर उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। उस पर 150 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे और वह 90 बार जेल जा चुका था। उसने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और चंडीगढ़ में चोरी और ठगी की वारदातों को अंजाम दिया।
जज बनकर सुनाया खुद की रिहाई का फैसला
यह हैरान कर देने वाली घटना 1980 की है। धनीराम को अखबार से पता चला कि झज्जर के एक एडिशनल सिविल जज के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। उसके शातिर दिमाग में एक आइडिया आया। उसने हाईकोर्ट रजिस्ट्रार बनकर उस जज को छुट्टी पर जाने का फर्जी लेटर भेजा। इसके बाद उसने खुद को उनकी जगह पर नया जज नियुक्त करने का एक और फर्जी लेटर तैयार किया।
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अगले 40 दिनों तक वह असली जज बनकर झज्जर की कोर्ट में बैठा और ताबड़तोड़ फैसले सुनाए। हैरानी की बात यह है कि इस दौरान उसने 2000 से ज्यादा कैदियों को जमानत पर रिहा कर दिया और इन्हीं फैसलों में से एक फैसला अपनी ही रिहाई का भी था।
शक होने पर हुआ फरार
जब वकीलों ने देखा कि नया जज लगातार जमानतें दे रहा है तो उन्हें शक हुआ। जैसे ही यह बात कोर्ट में फैली धनीराम मित्तल चुपचाप कोर्ट छोड़कर फरार हो गया। पुलिस उसे उस समय गिरफ्तार नहीं कर पाई।
धनीराम मित्तल की आखिरी गिरफ्तारी 2016 में हुई थी और 2024 में दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। उसकी ठगी की कहानियां आज भी भारत के सबसे बड़े ठगों में गिनी जाती हैं।