बांग्लादेश में बिगड़े हालात: उस्मान हादी के जनाजे से पहले ढाका छावनी में तब्दील, हिंदू युवक की हत्या पर सरकार सवालों में(Video)
punjabkesari.in Saturday, Dec 20, 2025 - 01:19 PM (IST)
International Desk: बांग्लादेश में छात्र और युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ढाका से लेकर अन्य शहरों तक विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं। स्थिति को देखते हुए अंतरिम सरकार ने हादी की नमाज-ए-जनाजा के कार्यक्रम में बदलाव करते हुए सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त कर दी है। इंकिलाब मंचो के नेता शरीफ उस्मान बिन हादी के जनाजे को लेकर उनके समर्थक सड़कों पर जुटने लगे हैं, जबकि प्रशासन ने राष्ट्रीय संसद भवन के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी है।हादी की नमाज-ए-जनाजा दोपहर 2 बजे संसद भवन के दक्षिण में स्थित मानिक मिया एवेन्यू में होनी है। जनाजे से कुछ घंटे पहले ही इलाके में आवागमन सीमित, अतिरिक्त पुलिस बल और सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती कर दी गई है।
#WATCH | Dhaka, Bangladesh | Supporters of Osman Hadi, a key leader in the protests against Sheikh Hasina, have started arriving at Manik Mia Avenue to attend Hadi's funeral procession that will be held later today.
— ANI (@ANI) December 20, 2025
After the death of Osman Hadi, Bangladesh erupted in unrest,… pic.twitter.com/NmaffvLprg
इंकिलाब मंचो के संयोजक उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में उस समय करीब से गोली मार दी गई, जब वे रिक्शे में सफर कर रहे थे। गंभीर हालत में उन्हें 15 दिसंबर को एयर एंबुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18 दिसंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया। हादी की मौत की खबर सामने आते ही ढाका में विरोध-प्रदर्शन भड़क उठे। शुक्रवार को शव राजधानी लाए जाने के बाद कई चरणों में प्रदर्शन हुए और न्याय की मांग तेज हो गई। हालांकि, इंकिलाब मंचो ने अपने समर्थकों से जनाजे के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।
طلبہ کی طاقت کے سامنے کوئی نہیں ٹک سکتا، مشتعل سٹوڈنٹس ڈیلی سٹار نیوز کے آفس میں توڑ پھوڑ کر رہے ہیں، سٹوڈنٹس نے قیمتی کمپیوٹرز اور ٹی وی وغیرہ لوٹ کر بلڈنگ کو آگ لگا دی 🔥
— پری زاد (@Parizaad_reborn) December 19, 2025
جبکہ ادھر بےغیرت پاکستانی طلباء ٹک ٹاکرز کا دیدار کرنے میں مصروف ہیں #SharifOsmanHadi pic.twitter.com/eGRW7ydo9M
तनाव तब और बढ़ गया जब मयमनसिंह जिले के भालुका इलाके में हिंदू गारमेंट वर्कर दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। आरोप है कि कथित ईशनिंदा के नाम पर उसे बेरहमी से मार डाला गया, फिर शव को पेड़ से लटकाकर आग लगा दी गई। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई यूनिटी काउंसिल ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे सांप्रदायिक सौहार्द को तोड़ने वाली जघन्य वारदात बताया। अंतरिम सरकार ने भी बयान जारी कर कहा कि “नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।”मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने पुष्टि की है कि रैपिड एक्शन बटालियन (RAB-14) ने दीपू चंद्र दास हत्या मामले में 7 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इनमें मो. लिमोन सरकार, मो. तारेक हुसैन, मो. मानिक मिया, एरशाद अली, निजुम उद्दीन, आलमगीर हुसैन और मो. मिराज हुसैन अकोन शामिल हैं। हालांकि, विपक्ष और मानवाधिकार संगठनों का सवाल है कि यह कार्रवाई वास्तविक न्याय है या अंतरराष्ट्रीय दबाव में किया गया दिखावटी कदम।
Hindu man Dipu Chandra Das—from Tarakanda, Mymensingh; son of Ravi Chandra Das; worker at Pioneer Knit, Bhaluka—brutally lynched by radicals.
— Vijay Gautam 🚩 (@Vijay_Gautamm) December 19, 2025
Law & order has collapsed in Bangladesh.
Save Bangladeshi Hindus.#BangladeshCrisis #Dhaka #SaveBangladeshiHindus pic.twitter.com/4k9Zkle6Dy
उस्मान हादी का शव जब सिंगापुर से ढाका लाया गया, तो हालात और बिगड़ गए। शाहबाग चौराहे समेत कई इलाकों में प्रदर्शन तेज हो गए। कुछ जगहों पर भारत-विरोधी नारे, राजनयिक मिशनों के पास पथराव और सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो सामने आए।स्थिति को संभालने के लिए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) को एयरपोर्ट, करवान बाजार और होटल इंटरकॉन्टिनेंटल जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है। वहीं, अमेरिकी दूतावास ने भी अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है।बांग्लादेश में मौजूदा हालात ने एक बार फिर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अंतरिम सरकार की नीयत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
🚨MUST READ : Paramilitary democracy killed Dipu Chandra Das (25) and Osman Hadi (32).
— Shadhin (@ShadhinMuslim) December 20, 2025
TRUTH is - our people, our cultures, our weather, our economic reality, our geography - are just not compatible with it!
It's completely foreign to our people. That's why we treat it like… pic.twitter.com/LG08mtczhv
इस बीच, कई नागरिक संगठनों ने गृह सलाहकार के इस्तीफे की मांग कर दी है। 16 संगठनों जिनमें गणतांत्रिक अधिकार समिति, नेटवर्क फॉर डेमोक्रेटिक बांग्लादेश, नारीपक्ष, यूनिवर्सिटी टीचर्स नेटवर्क और नागरिक गठबंधन शामिल हैं,ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि अंतरिम सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है। सरकार ने जनाजे में शामिल होने वालों को बैग या भारी सामान न लाने और संसद भवन के आसपास ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। इस बीच, ढाका यूनिवर्सिटी में शेख मुजीबुर रहमान के नाम पर बने हॉल का नाम उस्मान हादी के नाम पर रखने की मांग ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। आलोचकों का कहना है कि यह मांग बांग्लादेश के राष्ट्रपिता के अपमान और कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा देने वाली है।
