Dev Diwali 2025 : नोट कर लें देव दीवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त, दीपदान से मिलेगी पापों से मुक्ति!
punjabkesari.in Wednesday, Nov 05, 2025 - 04:15 PM (IST)
नेशनल डेस्क: देशभर में 5 नवंबर 2025 को देव दिवाली का पावन पर्व मनाया जा रहा है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाए जाने वाले इस त्योहार को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है, क्योंकि माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। यह दिन खासतौर से भगवान शिव, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि देव दीवाली पर शाम के दीए जलाए जाते हैं, क्योंकि उस समय देव उर्जा काफी अधिक होती है। आइए जानते हैं इस दिन दीपदान और पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है:
आज शाम का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार देव दिवाली पर दीप दान और देवताओं का पूजन प्रदोष काल में करना सबसे शुभ माना जाता है।
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मुहूर्त का प्रकार |
समय (भारतीय समयानुसार) |
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प्रदोष काल मुहूर्त (पूजन का मुख्य समय) |
शाम 5 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 50 मिनट तक |
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गोधूली मुहूर्त (अत्यंत शुभ) |
शाम 5 बजकर 33 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 59 मिनट तक |
देव दिवाली पर दीपदान का विधान और महत्व
दीपदान को देव दिवाली के दिन बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किया गया दीपदान पापों से मुक्ति दिलाता है। दीपदान से सौभाग्य, धन और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन वाराणसी, प्रयागराज, हरिद्वार और नासिक जैसे पवित्र स्थलों पर गंगा तट पर हजारों दीए जलाने की परंपरा है। जो लोग घर पर यह त्योहार मना रहे हैं, वे दीपकों की पंक्तियां लगाकर भगवान शिव और विष्णु को समर्पित कर सकते हैं।

कहां जलाएं दीप?
दीप जलाने के लिए घी या तिल के तेल का उपयोग करना शुभ माना गया है।
- घर के मुख्य द्वार और आंगन में।
- मंदिर और बालकनी/छत पर।
- तुलसी के पौधे के पास।
- यदि संभव हो तो पास की किसी नदी या तालाब के किनारे दीप प्रवाहित करना सबसे पुण्यदायक माना गया है।
