गोविंदपुरी भूमिहीन कैंप में ध्वस्तीकरण जारी: भारी पुलिस बल की तैनाती, AAP का विरोध तेज
punjabkesari.in Wednesday, Jun 11, 2025 - 12:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में स्थित भूमिहीन झुग्गी-झोपड़ी कैंप में अवैध निर्माण के खिलाफ डीडीए का अभियान आज भी जारी रहा। भारी पुलिस बल और जेसीबी मशीनों की मौजूदगी में झुग्गियों को तोड़ा जा रहा है। यह कार्रवाई दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा पूर्व में जारी किए गए नोटिस के आधार पर की जा रही है, जिसमें 10 जून तक लोगों को स्वेच्छा से स्थान खाली करने के निर्देश दिए गए थे।
डीडीए की जमीन पर वर्षों से अवैध कब्जा
डीडीए के अनुसार, इस इलाके में लंबे समय से अवैध कब्जा किया गया था। झुग्गियों के साथ कई स्थायी और यहां तक कि दोमंजिला मकान भी बना लिए गए थे। प्रशासनिक रिपोर्टों के मुताबिक, इस अभियान के तहत करीब 300 झुग्गियों को ध्वस्त किया जाना है। क्षेत्र में अवैध निर्माण हटाने की यह प्रक्रिया कोर्ट के निर्देशानुसार की जा रही है।
मौके पर तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था
ध्वस्तीकरण अभियान को लेकर स्थानीय प्रशासन सतर्क है। पुलिस बल के साथ-साथ बिजली विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं ताकि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके। कुछ निवासियों द्वारा विरोध की आशंका के चलते पुलिस ने इलाके को चारों ओर से घेर रखा है।
तीन दिन की अंतिम चेतावनी
डीडीए ने पहले ही 10 जून तक का समय दिया था, लेकिन अब फिर से नोटिस जारी कर 3 दिन की अंतिम चेतावनी दी गई है। नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि 8, 9 और 10 जून को झुग्गियां खाली कर दी जाएं, इसके बाद कार्रवाई के लिए डीडीए को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।
आम आदमी पार्टी का विरोध
इस अभियान को लेकर आम आदमी पार्टी ने डीडीए और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी का कहना है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए लोगों को उजाड़ा जा रहा है। खबर है कि पूर्व शिक्षा मंत्री आतिशी खुद मौके पर जा सकती हैं और निवासियों के साथ खड़ी हैं।
तीसरी बार चल रहा है ध्वस्तीकरण
गौरतलब है कि गोविंदपुरी स्थित यह भूमिहीन कैंप पहले भी मई, जून और जुलाई 2023 में ध्वस्तीकरण का गवाह बन चुका है। यहां अधिकतर प्रवासी मजदूर रहते हैं, जो दैनिक मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। अब चौथी बार इस कैंप पर बुलडोजर चला है, जिससे स्थानीय लोग भय और अनिश्चितता में जी रहे हैं।
पात्र परिवारों को मिला पुनर्वास
डीडीए की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे कैंप में रहने वाले केवल 1,862 परिवार ही पात्र पाए गए हैं, जिन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के तहत सरकारी आवास दिए गए हैं। बाकी लोगों को अब तक किसी प्रकार की पुनर्वास सुविधा नहीं दी गई है।