IMD Alert: चलेंगी 40 किमी/घंटे की तेज हवाएं, इस राज्य में झमाझम बारिश, 4 अक्टूबर से एक्टिव होगा नया पश्चिमी विक्षोभ
punjabkesari.in Thursday, Oct 02, 2025 - 07:58 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में मौसम ने आखिरकार करवट ली है। बीते दिनों तक जहां राजधानी उमस और गर्मी की चपेट में थी, वहीं मंगलवार और बुधवार को हुई झमाझम बारिश ने शहरवासियों को बड़ी राहत दी है। ठंडी हवाओं और रुक-रुककर हुई बारिश ने वातावरण को ताजगी से भर दिया। लेकिन मौसम यहीं थमने वाला नहीं है - 4 अक्टूबर से एक और बड़ा बदलाव दस्तक देने वाला है।
ठंडी फुहारों और 22.8°C तापमान ने दी गर्मी से राहत
मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार सुबह दिल्ली का न्यूनतम तापमान 22.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से थोड़ा नीचे है। वहीं, अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आस-पास बना रह सकता है। लगातार बह रही ठंडी हवाओं ने वातावरण को नमी और ठंडक दी है, जिससे लोगों को बड़ी राहत मिली है।
गुरुवार का मौसम कैसा रहेगा?
-बादल छाए रहने की संभावना है
-कई इलाकों में हल्की बारिश या छिटपुट बूंदाबांदी हो सकती है
-कुछ जगहों पर गरज-चमक के साथ फुहारें पड़ने की भी आशंका
-हवाएं 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं, और कहीं-कहीं 50 किमी प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती हैं। यह सब मिलकर एक बार फिर मौसम को रोमांचक और अप्रत्याशित बना सकते हैं।
तीन दिन का ‘ब्रेक’ — लेकिन मौसम रहेगा सुहावना
1 अक्टूबर को बारिश के बाद 2, 3 और 4 अक्टूबर के बीच राजधानी में मौसम शुष्क रहेगा।
इस दौरान न तो बारिश की संभावना है और न ही अधिक गर्मी की। हल्की धूप और बहती ठंडी हवाएं मौसम को खुशनुमा बनाए रखेंगी।
फिर से बदलेगा मिजाज: 4 अक्टूबर से नया सिस्टम करेगा एंट्री
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, 4 अक्टूबर से एक नया पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) उत्तर-पश्चिम भारत में प्रभावी होने वाला है।
-इसका असर दिल्ली समेत हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में देखने को मिलेगा।
-इस सिस्टम के पहले की तुलना में ज्यादा सक्रिय और तीव्र होने की संभावना है।
-भारी बारिश और तेज हवाओं का असर 5-6 अक्टूबर के आसपास दिख सकता है।
अरब सागर से भी आ रहा है दबाव
दिल्ली के मौसम में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव का कारण सिर्फ पश्चिमी विक्षोभ नहीं है। पूर्वोत्तर अरब सागर और सौराष्ट्र तट के पास बना निम्न दबाव क्षेत्र भी मौसम में बड़ा बदलाव ला रहा है।
-इस सिस्टम से जुड़ा साइक्लोनिक सर्कुलेशन पूर्वी राजस्थान से होते हुए दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश तक फैला है।
-इसका असर मैदानी इलाकों के मौसम पर भी स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है।
-दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में इसकी वजह से बारिश और ठंडी हवाओं का सिलसिला बना हुआ है।