DU में पढ़ना हुआ महंगा, यूनिवर्सिटी ने बढ़ाई UG, PG और Phd की फीस

punjabkesari.in Friday, Jul 26, 2024 - 03:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: DU में यूजी, पीजी और पीएचडी कोर्सेस की फीस बढ़ा दी गई है। 2024-25 सेशन में एडमिशन लेने वाले छात्रों को पहले से ज्यादा फीस देनी होगी। फीस बढ़ने पर शिक्षकों ने नाराजगी जताई है। नए नियमों के अनुसार, बीटेक प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए 3.70 प्रतिशत फीस बढ़ोतरी की गई है। पहले बीटेक प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए फीस 2.16 लाख रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 2.24 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा पांच वर्षीय विधि कार्यक्रमों के लिए 1.90 लाख रुपये से 1.99 लाख रुपये तक पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। सबसे ज्यादा पीएचडी पाठ्यक्रमों की फीस संरचना में वृद्धि करते हुए 60.22 प्रतिशत कर दिया गया है। 

शोध छात्रों को आगामी सत्र से कुल 7,130 रुपये फीस देनी होगी, जबकि पिछली फीस 4,450 रुपये थी। विश्वविद्यालय में प्रवेश चाहने वाले विदेशी छात्रों के मामले में कुछ पाठ्यक्रमों में शुल्क में वृद्धि की गई है। हालांकि, DU के एमए हिंदू अध्ययन कार्यक्रम में दाखिला लेने के इच्छुक अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए पाठ्यक्रम मूल्य में छूट दी गई है। सार्क देशों के छात्रों के लिए एक लाख रुपये से घटाकर 50,000 रुपये और गैर- सार्क देशों के छात्रों के लिए दो लाख से घटाकर एक लाख रुपये फीस कर दी गई है। इसके अलावा विदेशी छात्रों में तिब्बती आवेदकों को विश्वविद्यालय पंजीकरण शुल्क और विदेशी छात्रों के रूप में कालेजों और विभागों को देय अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करने से छूट दी जाएगी। 

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डीयू ने फीस स्ट्रक्चर में विभिन्न तरह के शुल्कों में बढ़ोतरी की है। इसमें ट्यूशन फीस, छात्र कल्याण निधि, विकास शुल्क, सुविधाएं और सेवा शुल्क और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग सहायता निधि शामिल है। इस बीच, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के लिए योगदान हिस्सेदारी को विभाग के फीस स्ट्रक्चर से हटा दिया गया है। डूसू के योगदान को एलएलबी और एमबीए शुल्क संरचना से भी हटा दिया गया है, जबकि बाकी यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों के लिए योगदान को 20 से बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया गया है। 


डीयू की कार्यकारी परिषद के सदस्य अमन कुमार ने कहा- बीटेक पाठ्यक्रमों सहित विभिन्न कार्यक्रमों की फीस संरचना में लगातार वृद्धि घोर निंदनीय है। हर रोज आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेना कठिन होता जा रहा है। छात्रों द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय को चुनने का एक कारण इसकी फीस संरचना है, लेकिन हाल ही में दो वर्षों में विश्वविद्यालय ने उच्च शुल्क वाले पाठ्यक्रम शुरू करना शुरू कर दिया है। इससे वंचित तबके के छात्रों को हानि होगी। केंद्रीय विश्वविद्यालयों को कुछ नाममात्र शुल्क संरचना के साथ सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाना चाहिए।


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Content Editor

Parminder Kaur

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