Delhi car blast: दिल्ली ब्लास्ट केस में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, अब हो सकते हैं कई खुलासे...
punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 01:23 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली पुलिस ने कार ब्लास्ट मामले में एक अहम सफलता हासिल की है, जिससे जांच में कई बड़े खुलासे होने की संभावना बढ़ गई है। अधिकारियों ने संदिग्ध परवेज अंसारी से जुड़े कई महत्वपूर्ण सबूत जब्त किए हैं, जिनमें मोबाइल फोन, दस्तावेज और अन्य उपकरण शामिल हैं। इस कार्रवाई के बाद मामले की गुत्थी सुलझाने में जांच टीम को काफी मदद मिलने की उम्मीद है।
दिल्ली ब्लास्ट मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। अधिकारियों ने डॉ. शाहीन के भाई परवेज की गाड़ी जब्त कर ली है और उसके घर से 6 मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार, परवेज इन मोबाइल फोनों का इस्तेमाल विदेश में कुछ संदिग्ध गतिविधियों के लिए करता था। इसके अलावा, जांच टीम ने उसके घर से और भी अहम सबूत जुटाए हैं, जो आगे की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पुलिस ने कहा कि इस कार्रवाई के बाद जांच और तेज कर दी गई है और सभी संभावित साजिशकर्ताओं की पहचान करने के लिए छानबीन जारी है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एटीएस ने आतंकवाद से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। लखनऊ में रहने वाले हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. परवेज अंसारी को पकड़ने के बाद उनके घर पर छापेमारी की गई, जिसमें पुलिस को कई संवेदनशील उपकरण और हथियार मिले।
एटीएस के अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान परवेज के घर से 6 कीपैड फोन और कई सिम कार्ड बरामद किए गए, जिनके जरिए वह जम्मू और विदेश के संपर्कों में था। करीब चार घंटे तक चली जांच में टीम ने आसपास के पड़ोसियों और इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में उनके सहयोगियों से भी जानकारी जुटाई।
जांच में यह भी सामने आया कि परवेज को पहले ही अंदाजा था कि उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है, इसलिए वह कुछ समय पहले अपने घर से निकल गया था। इसके अलावा, उनके घर से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और लैपटॉप भी बरामद किए गए, जिसे फॉरेंसिक टीम को जांच के लिए भेजा गया है। इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि परवेज ने कोई डिजिटल डेटा मिटाया है या नहीं।
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. परवेज ने हाल ही में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दिया था। प्रोफेसर मोहम्मद हासिर सिद्दीकी ने पुष्टि की कि परवेज ने केवल एक हफ्ते पहले अपने पद से त्यागपत्र दिया था। ATS अब उनके सहयोगियों और नेटवर्क की पूरी तह तक जांच कर रही है और पूरे मामले की गहराई से पड़ताल जारी है।
