दिल्ली पुलिस की जांबाज सिपाही 'सीमा ढाका', 3 महीने में ढूंढे 76 बच्चे...मिला आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन
punjabkesari.in Thursday, Nov 19, 2020 - 10:31 AM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली पुलिस में तैनात जाबांज पुलिसकर्मी सीमा ढाका को आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन (out-of-turn promotion) दिया गया है। दिल्ली के समयपुर बादली पुलिस थाने में तैनात महिला हेड कॉंस्टेबल सीमा ढाका को उनकी कार्य निष्ठा और ईमानदारी को देखते हुए दिल्ली पुलिस के आयुक्त के आदेशानुसार एएसआई बना दिया गया है। सीमा ढाका ने तीन महीने में 76 गुमशुदा बच्चों को ढूंढ निकाला। मिली जानकारी के मुताबिक सीमा ढाका ने जिन 76 बच्चों को ढूंढा है, उनमें से 56 बच्चों की उम्र 14 साल से भी कम है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर एनएन श्रीवास्तव ने सीमा ढाका को आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन देने की घोषणा की। बता दें कि इन्सेंटिव स्कीम के तहत उन्हें प्रमोशन दी गई है। इस स्कीम के तहत सीमा आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाने वाली दिल्ली पुलिस की पहली कर्मचारी बन गई हैं।
सामने थी बड़ी चुनौती
सीमा ढाका को इसी साल अगस्त में गुमशुदा बच्चों को तलाश करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। सीमा ढाका ने बताया कि यह काफी चुनौतीभरा काम था लेकिन मन में ठान लिया था कि इन बच्चों को ढूंढ कर उनके माता-पिता के पास वापिस पहुंचाना है। सीमान ने बताया कि इसमें सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण था, अक्तूबर में पश्चिम बंगाल से एक नाबालिग को छुड़ाना। पुलिस दल ने नावों में यात्रा की और बच्चे को खोजने के लिए बाढ़ के दौरान दो नदियों को पार किया। उन्होंने बताया कि लड़के की मां ने दो साल पहले शिकायत दर्ज की थी लेकिन बाद में उसने अपना पता और मोबाइल नंबर बदल लिया। शिकायत के आधार पर बच्चे को तलाशने के लिए पश्चिम बंगाल में अभियान चाया गया। इस दौरान छोटे से गांव में गए और बाढ़ के दौरान दो नदियों को पार किया। आखिरकार हम बच्चे को उसके रिश्तेदार के पास से छुड़ाने में कामयाब रहे।
इन राज्यों में चलाया तलाशी अभियान
सीमा ढाका ने बताया कि उन्होंने दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब के बच्चों को बचाया है। सीमा ने कहा कि वे खुद एक मां हैं और कभी नहीं चाहेंगी कि एक बच्चा अपने परिवार से कभी अलग हो। उन्होंने बताया कि इस मिशन के लिए उनके सीनियर्स ने उकी काफी मदद भी की और प्रेरित किया कि वे इन मुद्दों को सुलझा सकती है। सीमा ढाका ने बताया कि उनकी टीम ने लापता बच्चों को ढूंढने के लिए हर दिन 24 घंटे काम किया है।