Video: दलाई लामा का बच्चे को Lip kiss करने का मामला फिर सुर्खियों में, जानें हाईकोर्ट ने क्या सुनाया फैसला
punjabkesari.in Wednesday, Jul 10, 2024 - 03:25 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः दलाई लामा द्वारा एक नाबालिग बच्चे को Lip kiss करने का मामला फिर सुर्खियों में है। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट (DHC) ने बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। जानकारी के अनुसार पिछले साल फरवरी में दलाई लामा ने एक बच्चे के होठ चूमकर प्यार जताया था। इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में वो एक नाबालिग बच्चे के होंठ चूमते दिख रहे थे और होंठ चूमने के बाद उन्होंने उससे अपनी जीभ चूसने के लिए कहा।
Why did the Dalai Lama kiss this young boy on the lips then tell him to "Suck my tongue"? Predators pretending to be leaders.#disclosure pic.twitter.com/OKtkGzLu0t
— UFO-Hunter (@iamufohunter) March 17, 2024
इस घटना से कथित तौर पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाने के मामले में दलाई लामा के खिलाफ POCSO अधिनियम के तहत कार्रवाई की गुहार लगाते हुए याचिका दायर की गई थी। दलाई लामा के खिलाफ एक NGO ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए कहा, "दलाई लामा ने इसके लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा था कि इसे तिब्बती संस्कृति के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।"दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यह घटना डेढ़ साल से ज्यादा पुरानी है। यह पूरी तरह से सार्वजनिक रूप से हुई थी और बच्चे ने खुद दलाई लामा से मिलने की इच्छा और मंशा जताई थी।
जानें पूरा मामला
पिछले साल बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वो एक नाबालिग बच्चे के होंठ चूमते दिख रहे थे और होंठ चूमने के बाद उन्होंने उससे अपनी जीभ चूसने के लिए कहा। वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर तीखे कमेंट्स देखने को मिले। लोगों ने इस पूरे मामले को अनुचित और परेशान करने वाला बताते हुए दलाई लामा की काफी आलोचना की थी।
विवाद बढ़ने के बाद दलाई लामा की तरफ से एक बयान जारी किया गया था जिसमें उन्होंने उस बच्चे और उसके परिवार से माफी मांगी और घटना पर अफसोस जताया था। इस दौरान यह भी कहा गया था कि दलाई लामा जिन लोगों से मिलते हैं, उन्हें अक्सर मासूमियत से और मजाकिया लहजे में चिढ़ाते हैं। बता दें कि 89 के दलाई लामा को चीन अलगाववादी मानता है लेकिन भारत में वो 65 साल से रह रहे हैं। बेशक वह चीन की आंखों में खटकते हैं लेकिन वह तिब्बतियों के धर्मप्रमुख ही नहीं विश्व शांति के दूत भी हैं। आधी सदी से ज्यादा समय से वह निर्वासन में हैं।