Delhi election 2025: इंडी गठबंधन पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''अगर केवल चुनाव के लिए था, तो खत्म कर दें''
punjabkesari.in Thursday, Jan 09, 2025 - 03:16 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली चुनावों के बीच विपक्षी पार्टियों के गठबंधन की भूमिका और दिशा पर सवाल उठ रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में इंडिया गठबंधन की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना है कि अगर यह गठबंधन केवल 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए बनाया गया था, तो इसे अब समाप्त कर देना चाहिए।
दिल्ली चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबला
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कड़ा मुकाबला है। हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस का इन चुनावों से कोई सीधा संबंध नहीं है, फिर भी उमर अब्दुल्ला ने इंडिया गठबंधन के भविष्य को लेकर अहम बातें कहीं।
गठबंधन की स्पष्टता पर सवाल
उमर अब्दुल्ला ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन की कोई समय-सीमा या स्पष्ट दिशा नहीं है। उन्होंने कहा, “जहां तक मुझे याद है, इंडिया गठबंधन के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई थी। लेकिन दुर्भाग्य से, इस गठबंधन की कोई बैठक आयोजित नहीं की जा रही है। इससे नेतृत्व, एजेंडा और यहां तक कि गठबंधन के अस्तित्व को लेकर स्पष्टता का अभाव है। अगर यह केवल संसदीय चुनाव के लिए था, तो इसे भंग कर देना चाहिए।”
#WATCH | Jammu: J&K CM Omar Abdullah says, "... I cannot say anything about what's going on in Delhi because we have nothing to do with Delhi Elections... As far as I remember, there was no time limit to the INDIA alliance. Unfortunately, no INDIA alliance meeting is being… pic.twitter.com/u9w9FazeJG
— ANI (@ANI) January 9, 2025
आप और कांग्रेस के बीच खींचतान
दिल्ली चुनाव अभियान के दौरान आप और कांग्रेस के नेताओं के बीच तीखे हमले देखने को मिल रहे हैं। कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल की सरकार पर भ्रष्टाचार और खराब शासन के आरोप लगाए हैं, जबकि आप ने कांग्रेस पर भाजपा के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। यह खींचतान विपक्षी एकता के दावों को कमजोर करती है।
गठबंधन का भविष्य और नेतृत्व
लोकसभा चुनावों के बाद से इंडिया गठबंधन के नेतृत्व और एजेंडा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कई दलों के नेताओं ने कांग्रेस की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। ममता बनर्जी जैसी नेताओं ने भी इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा जताई है, जिससे सहयोगी दलों के बीच असंतोष की भावना उजागर होती है।
उमर अब्दुल्ला ने इस संदर्भ में कहा, “कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है। उनके पास अखिल भारतीय उपस्थिति है और लोकसभा व राज्यसभा दोनों में विपक्ष के नेता हैं। इसलिए, वे स्वाभाविक रूप से गठबंधन के नेता हैं। लेकिन कुछ सहयोगियों को लगता है कि कांग्रेस इसे बनाए रखने या अर्जित करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है।”
विपक्षी एकता की होगी परीक्षा
विपक्षी दलों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है। भाजपा के खिलाफ एकजुट विपक्ष का विचार अभी भी महत्व रखता है, लेकिन आपसी खींचतान और असमंजस इस विचार को कमजोर कर रहे हैं। उमर अब्दुल्ला के बयान इस बात का प्रमाण हैं कि गठबंधन के भविष्य को लेकर सभी सहयोगी दलों को ठोस कदम उठाने होंगे।