कोरना का कहर: लॉकडाउन ने एक मां को किया बच्चे से दूर, सिर्फ वीडियो कॉल पर कर पा रहे हैं बात

punjabkesari.in Monday, Jun 08, 2020 - 06:19 PM (IST)

मुंबई: दिल्ली का एक दंपत्ति कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से अपने गोद लिए बच्चे से मिलने में असमर्थ है। बच्चे को गोद लेने का यह मामला मानव तस्करी से जुड़ा हुआ है और फिलहाल पुलिस ने बच्चे को मुंबई के एक बाल कल्याण गृह में रखा हुआ है। दंपत्ति का दावा है कि उन्होंने करीब चार साल पहले मुंबई से बच्चे को गोद लिया था। पुलिस का कहना है कि यह मामला मानवस तस्करी से जुड़ा है ओर इसके लिए उन्होंने छह दंपत्तियों और कुछ बिचौलियों को पकड़ा है। लॉकडाउन से पहले दंपत्ति बच्चे से मिलने दिल्ली से मुंबई आए थे और वे रोजाना चेम्बूर में बाल कल्याण गृह में बच्चे से मिला करते थे। मार्च में लॉकडाउन के बाद उन्हें दिल्ली जाना पड़ा। अब वह सिर्फ एक दिन में बच्चे से 10 मिनट वीडियो कॉल पर बात कर पा रहे हैं।

गोद लिए गए बच्चे के पिता ने बताया, मेरी 18 साल की बेटी है और मैंने इस बच्चे को पवन शर्मा नाम के एक व्यक्ति के जरिए 2016 में गोद लिया था। उन्होंने कहा कि शर्मा ने उन्हें गोद लेने के संबंध में उचित दस्तावेज देने का आश्वासन दिया था और 2017 में उसने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र भी अंतिम दस्तावेजज् बताते हुए दिया था। उन्होंने कहा, 2018 में शर्मा ने मेरे एक और रिश्तेदार को दिल्ली में बच्चा दिलाने में मदद की। जुलाई 2019 में मुंबई अपराध शाखा के अधिकारी अचानक मेरी बहन के घर आए और उन्होंने दावा किया कि मैंने बच्चे को गैरकानूनी तरीके से गोद लिया है।

उन्होंने कहा, सात जुलाई को मैं अपने एक और रिश्तेदार (इन्होंने भी शर्मा से बच्चे को गोद लिया था) के साथ मुंबई पहुंचा और हम दोनों बच्चों को अपने पास रखने के लिए अपराध शाखा के सामने पेश हुए। लेकिन उन्होंने बच्चों को बाल गृह में भेज दिया और हमें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि नवंबर, 2019 में बंबई उच्च न्यायालय ने सभी छह अभिभावकों की विश्वसनीयता की जांच का आदेश दिया और उन्हें बालगृह में बच्चे से दोपहर से शाम चार बजे के बीच मिलने की इजाजत दी। ये लोग इसी आधार पर 21 मार्च तक बच्चे से मिलते रहे। उन्होंने सत्र न्यायालय में कानूनी आधार पर बच्चे को गोद लेने के लिए आवेदन दिया तथा प्राथमिकी खारिज करने के लिए उच्च न्यायालय में भी याचिका डाली है।

व्यक्ति ने कहा कि बंद के बाद वह दिल्ली आ गए और अब वह सिर्फ अपने बेटे से 10 मिनट वीडियो कॉल पर ही बात कर पाते हैं। संपर्क करने पर मुंबई अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पिछले साल जुलाई में मानव तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया था और बच्चे की च्खरीदज् करने वाले छह लोगों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने कहा, कम से कम नौ बिचौलिये इस रैकेट में शामिल थे, जिनमें गरीब इलाकों के अस्पतालों की नर्स, किराए का कोख रखने वाली महिलाएं और आईवीएफ में काम करने वाले कर्मचारी भी हैं। हमने दिल्ली के रहनेवाले मुख्य षडयंत्रकर्ता पवन शर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि छह दंपत्ति और बिचौलिये फिलहाल जमानत पर हैं। वे जल्द ही इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करेंगे।
 


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Edited By

Anil dev

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