दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में सनसनीखेज खुलासा- आतंकी डॉक्टर ने आटा चक्की को बनाया ''बारूद फैक्ट्री''
punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 04:24 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली कार ब्लास्ट में कई सारे चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अब ऐसी जानकारी सामने आई है कि देश को दहलाने की साजिश में लगे आतंकी डॉक्टरों ने फरीदाबाद को अपना गुप्त ठिकाना बनाया था। इस ठिकाने पर विस्फोटक बनाने के लिए एक बेहद चौंकाने वाले तरीके का इस्तेमाल कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल के ठिकाने से जांच एजेंसियों ने एक आटा चक्की और कुछ इलेक्ट्रिकल मशीनें बरामद की हैं। जांच एजेंसियों को शक है कि इस आटा चक्की का इस्तेमाल उर्वरक को पीसकर उसे बारूद में बदलने के लिए किया जा रहा था।
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यूरिया को पीसकर बनाता था तबाही का सामान
NIA और अन्य जांच एजेंसियों की टीम ने बुधवार देर रात फरीदाबाद के गांव धोज में एक टैक्सी ड्राइवर के घर पर छापेमारी की। यहां से उन्हें आटा चक्की और मशीनें मिलीं। मुजम्मिल इसी आटा चक्की का इस्तेमाल धोज में किराए पर लिए गए अपने कमरे में करता था। 9 नवंबर को यहीं से जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस ने 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की थी।
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आटा चक्की में क्या होता था?
सूत्रों के मुताबिक मुजम्मिल इस कमरे में यूरिया को पहले आटा चक्की में पीसकर बारीक करता था। इसके बाद इलेक्ट्रिकल मशीनों का उपयोग करके इसे रिफाइन करता और रासायनिक प्रक्रिया से इसे विस्फोटक सामग्री के रूप में तैयार कर इकट्ठा करता था। NIA अब इस टैक्सी ड्राइवर को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ कर रही है। डॉक्टर मुजम्मिल की निशानदेही पर ही यह छापेमारी की गई थी।
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टैक्सी ड्राइवर कैसे फंसा जाल में
जांच में सामने आया है कि टैक्सी ड्राइवर मूल रूप से पलवल के असावटी का रहने वाला है और करीब 20 साल से धोज गांव स्थित अपनी बहन के घर रह रहा है। वह सैनिक कॉलोनी के एक छोटे बच्चों के स्कूल में कैब चलाता है। टैक्सी ड्राइवर ने पूछताछ में NIA को बताया कि करीब 4 साल पहले उसके छोटे बेटे पर गर्म दूध गिरने से वह झुलस गया था। उसे अल-फलाह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ डॉ. मुजम्मिल ने उसका इलाज किया। यहीं से दोनों संपर्क में आए और उनकी मुलाकातें बढ़ने लगीं।
