दिल्ली में ''जहरीली'' हवा का कहर: डॉक्टरों की सख्त चेतावनी- ''जब तक ज़रूरी न हो, घर से बाहर न निकलें''
punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 03:06 PM (IST)
नेशनल डेस्क : दिल्ली में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद सरकार ने सख्त प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। प्राथमिक कक्षाओं के लिए स्कूलों को हाइब्रिड मोड में पढ़ाई कराने के निर्देश दिए गए हैं, वहीं गैर-ज़रूरी निर्माण कार्यों पर भी तत्काल रोक लगा दी गई है।
गंभीर श्रेणी में वायु गुणवत्ता
मंगलवार को लागू किए गए कड़े एंटी-पॉल्यूशन उपायों में राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में मालवाहक वाहनों की आवाजाही पर सीमित प्रतिबंध भी शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता “गंभीर” स्तर पर पहुंच चुकी है, जो स्वस्थ लोगों को भी प्रभावित कर सकती है और बीमार व्यक्तियों के लिए अत्यंत खतरनाक है।
बुधवार को दिल्ली का PM2.5 स्तर 438 दर्ज किया गया जो फेफड़ों में गहराई तक पहुंचने वाले बेहद सूक्ष्म कणों का अत्यधिक खतरनाक स्तर है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सुरक्षित सीमा से लगभग 30 गुना अधिक और भारत की राष्ट्रीय औसत सीमा से आठ गुना ज्यादा है। WHO द्वारा 24 घंटे का सुरक्षित औसत 15 माना जाता है।
डॉक्टरों की चेतावनी
चिकित्सकों ने विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को बिना जरूरत घर से बाहर न निकलने और बाहर निकलने पर मास्क पहनने की सलाह दी है। दिल्ली और उत्तर भारत के कई राज्यों में सर्दियों के दौरान जहरीली हवा का स्तर बढ़ना एक आम समस्या है। इसकी वजह कई कारकों का मिश्रण है जैसे कम हवा की गति, औद्योगिक धुआं, वाहनों का उत्सर्जन, गिरता तापमान और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना।
दिल्ली सरकार प्रदूषण रोकने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू करती है। मंगलवार को GRAP का तीसरा चरण लागू किया गया, जिसमें खनन कार्य, स्टोन-क्रशिंग और धूल फैलाने वाले वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध शामिल है।
प्रदूषण पर राजनीति भी गर्माई
खराब होती हवा के खिलाफ पिछले सप्ताह राजधानी में लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। वहीं मंगलवार को विपक्षी आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सरकार पर प्रदूषण के आंकड़ों में “हेराफेरी” का आरोप लगाया और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने की मांग की।
दिल्ली की भाजपा शासित सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “हमारी सरकार प्रदूषण नियंत्रण को लेकर पूरी गंभीरता और तत्परता से काम कर रही है।” दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजीत सिंह सिरसा ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि वायु गुणवत्ता का डेटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और मॉनिटरिंग स्टेशनों पर पानी केवल धूल कम करने के लिए छिड़का गया था, न कि आंकड़ों में हेरफेर करने के लिए।
