रक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला, 84,328 करोड़ रुपए के खरीद प्रस्तावों को दी मंजूरी
punjabkesari.in Thursday, Dec 22, 2022 - 10:48 PM (IST)

नई दिल्लीः रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमताओं में इजाफे के लिए 84,328 करोड़ रुपए की लागत से हल्के टैंक, जहाज रोधी मिसाइलों और लंबी दूरी के निर्देशित बमों सहित कई सैन्य मंच (सैन्य जरूरतों के लिए विशिष्ट वाहक या सुविधाएं) और हथियारों की खरीद को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी।
Defence Ministry clears Rs 85,000 cr for Zorawar light tanks, mounted howitzers, guided bombs for forces
— ANI Digital (@ani_digital) December 22, 2022
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खरीद के लिए एओएन (आवश्यकता की स्वीकृति) अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के बाद पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति के बाद आई थी। सूत्रों ने कहा कि हल्के टैंक और ‘माउंटेड गन सिस्टम' को एलएसी सहित ऊंचाई वाले अग्रिम क्षेत्रों में तैनात किया जाना तय है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि डीएसी ने 24 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिसमें भारतीय सेना के लिए छह, भारतीय वायु सेना के लिए छह, भारतीय नौसेना के लिए 10 और भारतीय तटरक्षक बल के लिए दो शामिल हैं, खरीद का कुल मूल्य 84,328 करोड़ रुपए होगा। उसने कहा कि प्रस्तावों में इन्फैंट्री लड़ाकू वाहनों की खरीद, हल्के टैंकों, नौसेना की जहाज रोधी मिसाइल, बहुउद्देश्यीय जहाजों, मिसाइल प्रणालियों की नई श्रेणी, लंबी दूरी के निर्देशित बम और अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों की खरीद शामिल है। मंत्रालय ने कहा कि 82,127 करोड़ रुपए के 21 प्रस्तावों की खरीद स्वदेशी स्रोतों से की जाएगी।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह उल्लेख करना उचित है कि 82,127 करोड़ रुपये (97.4 प्रतिशत) के 21 प्रस्तावों को स्वदेशी स्रोतों से खरीद के लिए अनुमोदित किया गया है। डीएसी की यह अभूतपूर्व पहल न केवल सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करेगी बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रक्षा उद्योग को भी पर्याप्त बढ़ावा देगी।''
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मंजूर किए गए प्रस्तावों में हमारे सैनिकों के लिए बेहतर सुरक्षा स्तर वाले बैलिस्टिक हेलमेट की खरीद भी शामिल है।'' इसमें कहा गया है, ‘‘नौसेना की जहाज रोधी मिसाइलों, बहुउद्देश्यीय जहाजों और उच्च क्षमता वाले स्वायत्त वाहनों की खरीद के लिए मंजूरी भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ावा देने वाली समुद्री ताकत को और बढ़ाएगी।'' गौरतलब है कि भारत पूर्वी लद्दाख में हुए विवाद के बाद एलएसी के निकट तैनात सशस्त्र बलों की युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।