भारत के दुश्मनों की अब खैर नहीं, रक्षा मंत्रालय ने 346 वस्तुओं वाली 5वीं स्वदेशीकरण सूची की जारी

punjabkesari.in Wednesday, Jul 17, 2024 - 05:06 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत के दुश्मनों की अब खैर नहीं होगी क्योंकि  भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार रक्षा क्षेत्र में आयात कम करने और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी सिलसिले में  रक्षा मंत्रालय ने 346 वस्तुओं वाली पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची (PIL) जारी की है। ये फैसला रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (DPSU) द्वारा आयात को कम करने के लिए लिया गया है। रक्षा उत्पादन विभाग (DDP) इनमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट, सिस्टम,सब-सिस्टम, असेंबली, सब-असेंबली, स्पेयर और कंपोनेंट तथा कच्चा माल शामिल है, जिसका आयात प्रतिस्थापन मूल्य 1,048 करोड़ रुपए है। श्रीजन पोर्टल पर उपलब्ध सूची में दर्शाए गए स्वदेशीकरण की समयसीमा के बाद ही भारतीय उद्योग से वस्तुओं की खरीद की जाएगी।

 
रक्षा मंत्रालय ने 2020 में सृजन पोर्टल लॉन्च किया था। इस पोर्टल पर, रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (DPSU) और सेवा मुख्यालय (SHQ) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) और स्टार्ट-अप सहित उद्योगों को स्वदेशीकरण के लिए रक्षा वस्तुएं प्रदान करते हैं। पीएम मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ संकल्प के लिए विस्तृत पैमाने पर किए गए प्रयासों से रक्षा वस्तुओं के स्वदेशीकरण में उल्लेखनीय परिणाम सामने आए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण को साकार करने के प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं।रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (DPSU) की पांचवीं जनहित याचिका में वस्तुओं का स्वदेशीकरण विभिन्न तरीकों से करेंगे, जिसमें ‘मेक’ प्रक्रिया या एमएसएमई सहित उद्योग को शामिल करते हुए स्वदेश में ही विकास शामिल है। इससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि को गति मिलेगी, रक्षा क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। इससे अकादमिक और शोध संस्थानों की भागीदारी के कारण घरेलू रक्षा उद्योग की डिजाइन क्षमताओं में वृद्धि होगी।


 
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल), बीईएमएल लिमिटेड, इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल), मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल), गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL), गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSI) और हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) पांचवीं जनहित याचिका के रक्षा मदों से जुड़े डीपीएसयू हैं। इन कंपनियों ने अपनी-अपनी वेबसाइट पर रुचि पत्र/प्रस्ताव के लिए अनुरोध जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए डिजाइन किए गए ‘सृजन पोर्टल डैशबोर्ड  पर एक लिंक दिया गया है, और उद्योग/एमएसएमई/स्टार्टअप बड़ी संख्या में भाग लेने के लिए आगे आ सकते हैं।

 

इससे पहले, रक्षा उत्पादन विभाग (DDP) द्वारा DPSU के लिए 4,666 वस्तुओं से संबंधित चार जनहित याचिकाएं अधिसूचित की गई थीं, जिनमें से 2,972, जिनका आयात प्रतिस्थापन मूल्य 3,400 करोड़ रुपए है। इनका पहले ही स्वदेशीकरण किया जा चुका है। डीपीएसयू के लिए ये पांच सूचियां सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) द्वारा अधिसूचित 509 वस्तुओं की पांच सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों के अतिरिक्त हैं। इन सूचियों में अत्यधिक जटिल प्रणालियां, सेंसर, हथियार और गोला-बारूद शामिल हैं।जून 2024 तक, डीपीएसयू और एसएचक्यू द्वारा स्वदेशीकरण के लिए उद्योग को 36,000 से अधिक रक्षा वस्तुओं की पेशकश की गई थी। उनमें से, पिछले तीन वर्षों में 12,300 से अधिक वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया गया है। परिणामस्वरूप, डीपीएसयू ने घरेलू विक्रेताओं को 7,572 करोड़ रुपS के ऑर्डर दिए हैं।


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Content Writer

Tanuja

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