कांग्रेस का नेताओं को फरमान-फिजूलखर्ची पर लगाएं लगाम, विमान से नहीं रेल से करें सफर

punjabkesari.in Friday, Oct 12, 2018 - 09:37 AM (IST)

नेशनल डेस्कः 2019 के लिए चुनावी मैदान तैयार है और सभी विपक्षी पार्टियों ने भी जंग में उतरने के लिए कमर कस ली है। इसी बीच कांग्रेस ने अपने नेताओं को फिजूलखर्ची पर कड़ी हिदायत दी है। दरअसल कांग्रेस इन दिनों फंड के अकाल से जूझ रही है और ऐसे में नेताओं द्वारा फिजूलखर्ची से पार्टी परेशान है। पार्टी हेडक्वार्टर से नेताओं के लिए फरमान जारी हुआ है, जिसमें हिदायत दी गई है कि सभी समझदारी से ही पैसा खर्च करें। इतना ही नहीं हाईकमान नेताओं के ट्रैवल और अन्य एलाउंस पर कैंची चलाने के मूड में है। 9 अक्तूबर को पार्टी हेडक्वार्टर से नेताओं को खत लिखा गया है कि वे फ्लाइट की जगह रेल में सफर करने को तव्वजो दें। 1400 किलोमीटर के सफर के लिए सचिवों को रेल का किराया मिलेगा, विमान का नहीं। अगर कोई नेता 1400 किलोमीटर से अधिक का सफर करता है तो उसे विमान का किराया दिया जाएगा लेकिन वो भी महीने में बस दो बार। साथ में यह भी कहा गया कि अगर रेल का किराया हवाई सफर से ज्यादा है तो वे फ्लाइट से सफर कर सकते हैं लेकिन इसका पूरा ब्यौरा पहले हेडक्वार्टर को देना होगा। 
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चाय-पानी में भी कटौती
नेताओं के फिजूलखर्ची से परेशान पार्टी ने उनकी कैंटीन में चाय-पानी के खर्चे पर भी कटौती करने को कहा है। चुनावी सीजन होने के चलते कार्यालय में इन दिनों कार्यकर्त्ताओं की भीड़ काफी है जिसके चलते पार्टी पर खाने-पीने का भारी बिल बन रहा है। पार्टी नहीं चाहती कि चाय-पानी पर अधिक खर्च किया जाए। 
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बिजली-स्टेशनरी पर खर्च कम करने को कहा
कांग्रेस ने सभी पदाधिकारियों से उनके दफ्तरों में बिजली की बचत करने की सलाह दी है ताकि बिल ज्यादा न आए। साथ ही समाचार पत्रों और स्टेशनरी जैसे सामानों पर भी कम खर्च करने को कहा गया है। पार्टी ने निर्देश दिए हैं कि ऑफिस में एक ऐसा स्टॉफ रखा जाए जो इन फिजूलखर्चियों पर ध्यान रखे। कंप्यूटर और बाकी उपकरणों का तभी प्रयोग किया जाए जब बहुत जरूरत हो। यह निर्देश पार्टी के सभी महासचिव, प्रभारियों, फ्रंटल संगठन के प्रमुख को भेजी गई चिट्ठी में दिए गए हैं। निर्देश में कहा गया है कि अगर कोई दफ्तर में गैरमौजूद है तो बिजली से चलने वाले सारे उपकरण बंद रखे जाएं। 
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साथ में यह भी कहा गया है कि नेता अपने राज्य में ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं और दिल्ली में दर्शन कम दें ताकि गाड़ियों का कम उपयोग हो और पेट्रोल-डीजल पर अधिक खर्च न करना पड़े। इतना ही नहीं जो महासचिव सांसद हैं, उनको यात्रा भत्ता नहीं दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने पिछले महीने सब राज्य इकाइयों से फंड इकट्ठा करने को कहा था। वहीं कांग्रेस लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए डोर-टू-डोर प्रचार करेगी। कांग्रेस वोट के साथ ही लोगों से नोट यानि कि फंड देने का अनुरोध भी करेगी।


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Seema Sharma

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