6 साल की बच्ची से रेप करने वाले दरिंदे को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा, जज के कलम से निकली कविता
punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 09:11 AM (IST)

नेशलन डेस्क: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के सिवनी मालवा में एक छह साल की मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी और हत्या के मामले में स्थानीय अदालत ने इंसाफ सुनाया है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश तबस्सुम खान ने दोषी अजय धुर्वे को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है और पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। इस संवेदनशील मामले में फैसला सुनाते हुए जज तबस्सुम खान ने मासूम बच्ची के लिए एक मार्मिक कविता भी लिखी जिसने सभी को भावुक कर दिया।
88 दिन चली न्याय की लंबी प्रक्रिया
इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाला दरिंदा अजय ने इसी साल 2 जनवरी को मासूम बच्ची का अपहरण किया था। वह उसे झाड़ियों में ले गया जहां उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। जब बच्ची ने चीखने की कोशिश की तो उसने उसका मुंह दबाकर हत्या कर दी। पुलिस की पूछताछ में आरोपी अजय ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट में लगातार सुनवाई चली और 88 दिनों के भीतर ही न्याय सुना दिया गया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ दस्तावेजी साक्ष्य और पॉजिटिव डीएनए रिपोर्ट पेश किए जिसे अदालत ने महत्वपूर्ण माना।
इन धाराओं के तहत साबित हुआ अपराध
सिवनी मालवा की प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश न्यायमूर्ति तबस्सुम खान ने सुनवाई के दौरान दोषी अजय धुर्वे (30) को दुष्कर्म और हत्या के अपराध के लिए पॉक्सो यानी यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी पाया। अदालत ने उसे इन जघन्य अपराधों के लिए फांसी की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़िता के माता-पिता को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का भी महत्वपूर्ण फैसला सुनाया ताकि वे इस असहनीय दुख की घड़ी में कुछ सहारा पा सकें।
जज ने याद किया दिल्ली का निर्भया कांड
जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जांच के दौरान जब आरोपी अजय को हिरासत में लिया गया और उससे पूछताछ की गई तो उसने बिना किसी लाग-लपेट के अपना अपराध स्वीकार कर लिया था। इसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और मामले की सुनवाई शुरू हुई। सजा सुनाते हुए जज तबस्सुम खान ने दिल्ली के निर्भया कांड को याद करते हुए एक भावुक कविता भी सुनाई जो समाज को झकझोरने वाली है।
फैसले में जज तबस्सुम खान की मार्मिक कविता
जज तबस्सुम खान ने अपने फैसले में मासूम बच्ची के लिए जो कविता लिखी वह इस प्रकार है:
हां मैं हूं निर्भया हां फिर एक निर्भया एक छोटा सा प्रश्न उठा रही हूं जो नारी का अपमान करे क्या वो मर्द हो सकता है क्या जो इंसाफ निर्भया को मिला वह मुझे मिल सकता है