Death Experience: 3 बार ‘मरकर’ लौटा शख्स! बोले- स्वर्ग कांच के शहर जैसा दिखता है... 30 मिनट मॉर्चुरी में रहा ‘डेड’

punjabkesari.in Thursday, Apr 10, 2025 - 05:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मौत एक रहस्य है, जो इंसानी सोच की सीमाओं से परे है। दुनिया भर में लोग यह जानने को बेताब हैं कि आख़िर मृत्यु के बाद क्या होता है – क्या हम वाकई किसी और दुनिया में चले जाते हैं, या फिर सब खत्म हो जाता है? आईए जानते है एक ऐसे इंसान की जुबानी जो करीब 30 मिनट मरने के बाद  जिंदा हो उठा...

ऐसा ही एक नाम है – डैनियन ब्रिंक्ले (Dannion Brinkley), अमेरिका के एक 74 वर्षीय उद्योगपति, जिनकी कहानी सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब चर्चा में है। डैनियन का दावा है कि वह एक या दो नहीं, बल्कि तीन बार मृत्यु के करीब पहुंचकर वापस लौटे हैं। उनके अनुभव इतने चौंकाने वाले और रहस्यमय हैं कि उन्होंने इसे एक किताब की शक्ल में दुनिया के सामने रखा है।

मौत से आमना-सामना – तीन बार!

पहली बार, साल 1975 में डैनियन पर आकाशीय बिजली गिर गई, जिससे वह बुरी तरह झुलस गए। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। लगभग 30 मिनट तक मॉर्चुरी में रखने के बाद, उन्होंने दोबारा सांस ली और चमत्कारी रूप से ज़िंदा हो उठे।

दूसरी बार 1989 में, जब उनकी ओपन हार्ट सर्जरी हो रही थी, तो एक बार फिर उन्हें कुछ पलों के लिए मृत घोषित किया गया। लेकिन उनकी दिल की धड़कन अचानक फिर से चल पड़ी।तीसरी बार, ब्रेन सर्जरी के दौरान डैनियन फिर से कुछ क्षणों के लिए मृत्यु की दहलीज़ पर पहुंचे, और वहां से लौट आए।

मौत के उस पार की झलक

अपने पहले अनुभव में, डैनियन ने खुद को एक अंधेरी सुरंग में पाया, जिसके अंत में एक चमकदार रौशनी थी। वहां उन्हें अपने पूरे जीवन की घटनाएं एक फ़िल्म की तरह दिखीं। दूसरी बार, उन्होंने बताया कि वे एक ‘कांच के शहर’ में पहुंचे, जिसे वह ‘स्वर्ग’ मानते हैं। वहां उनकी मुलाकात कुछ फरिश्तों से हुई, जिन्होंने उन्हें मानसिक ऊर्जा और आत्मा की शक्तियों के बारे में ज्ञान दिया। डैनियन का कहना है कि इन अनुभवों ने उनकी ज़िंदगी की सोच बदल दी। अब उन्हें मौत से कोई डर नहीं लगता, बल्कि वे इसे एक यात्रा मानते हैं – इस जीवन से एक और रहस्यमयी दुनिया की ओर।

सवाल अब भी कायम…

डैनियन की कहानी कई लोगों के लिए उम्मीद और रहस्य से भरी हो सकती है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे सिर्फ़ मस्तिष्क की आख़िरी गतिविधियों का परिणाम कहा जाएगा। फिर भी, क्या यह संभव है कि मौत के बाद कोई दूसरी दुनिया हो? या ये सब सिर्फ़ दिमाग की उपज है? जवाब शायद किसी के पास नहीं, लेकिन ऐसी कहानियां हमारे सोचने के तरीके को जरूर झकझोर देती हैं।


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Content Writer

Anu Malhotra

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