1971 युद्ध का हीरो ''डकोटा'' गणतंत्र दिवस परेड में दिखाएगा अपनी ताकत, इसकी मदद से बांग्लादेश को मिली थी मुक्ति
2021-01-22T13:50:39.46

नेशनल डेस्क: कश्मीर में 1947 और बांग्लादेश में 1971 के मुक्ति संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाला भारतीय वायुसेना का विंटेज एयरक्राफ्ट डकोटा 26 जनवरी को भारत की गणतंत्र दिवस परेड में भी अपनी ताकत दिखाएगा। राजपथ पर होने वाली इस परेड में वायु सेना के फ्लाईपास्ट में डकोटा, 2 एमआई 171 वी के साथ रुद्र के गठन का हिस्सा होगा। इससे बांग्लादेश के सैनिक अपने मुक्ति संघर्ष के गौरवशाली पल को महसूस कर पाएंगे।
भारतीय वायुसेना ने डकोटा का नाम परशुराम रखा है। यह 1930 में उस वक़्त के रॉयल इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया था, यह 12वीं स्क्वाड्रॉन का हिस्सा था । मुख्य रूप से यह विमान लद्दाख और उत्तर पूर्व में काम करता था। पाकिस्तान से 1947 और 1971 के युद्ध में इस विमान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।.1947 में जब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ा तो कश्मीर की घाटी को बचाने में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कहा जाता है कि डकोटा की वजह से ही पुंछ भारत के पास है।
डकोटा ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान का ढाका का मोर्चा ढहाने में भी मदद की थी। डकोटा को राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने तोहफ़े में वायुसेना को दिया है। राजीव चंद्रशेखर के पिता एयर कमोडोर एम के चंद्रशेखर डकोटा के वेटरन पायलट रहे हैं।
याद हो कि खस्ता हालत हो चुके डकोटा को ब्रिटेन में छह महीने की मरम्मत के बाद भारत लाया गया था। इसे मई 2018 में भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया, जो अब गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर विंटेज बेड़े का हिस्सा है। डकोटा का नंबर अब वीपी 905 है, जो 1947 के युद्ध में जम्मू-कश्मीर भेजे गए पहले डकोटा का नंबर भी था।