''अपराध को बहुत ही क्रूर तरीके से दिया अंजाम'', अदालत ने हत्यारोपी व्यक्ति को जमानत देने से किया इनकार
punjabkesari.in Saturday, Jul 27, 2024 - 06:11 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया है, जिसने अपनी प्रेमिका के पति को कथित तौर पर चलती ट्रेन के सामने धकेलकर मार डाला। अदालत ने कहा कि इस अपराध को बहुत ही क्रूर तरीके से अंजाम दिया गया। इसने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी अपराध की जघन्यता बहुत ही महत्वपूर्ण कारक होती है। जिसे किसी आरोपी को जमानत देने या न देने का निर्णय लेते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा, ‘‘अदालत का मत है कि यह मानने के लिए उचित आधार है कि याचिकाकर्ता ने अपराध किया है। याचिकाकर्ता पर क्रूर तरीके से हत्या करने का आरोप है। अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसे आजीवन कारावास या यहां तक कि मौत की सजा भी हो सकती है।'' न्यायाधीश ने कहा कि भले ही आरोपी 2019 से पुलिस की हिरासत में है, लेकिन इस मुकदमे में कई जानकारियां सामने आई हैं और अधिकतर गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आरोपी ने जिस तरह इस अपराध को अंजाम दिया है, उसे देखते हुए अदालत इस समय उसे जमानत देने की इच्छुक नहीं है।
आरोपी ने प्रेमिका के पति को दी थी दर्दनाक मौत
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने 2019 में इस अपराध को अंजाम दिया था। वह प्रेमिका के पति को यहां जखीरा में रेलवे लाइन के पास एक सुनसान सड़क पर ले गया, जिसके बाद उसने उसके सिर पर ईंट से कई बार वार किया। इसने कहा कि आरोपी ने इसके बाद उसे वहां से गुजरती ट्रेन के सामने धक्का दे दिया, जिससे वह घिसटता चला गया और उसके शरीर के दो टुकड़े हो गए। आरोपी ने इस घटना के बारे में मृतक के परिवार को सूचित किया और इसे दुर्घटना का रंग देने की कोशिश की।
क्या कहती है पुलिस?
पुलिस ने बताया कि आरोपी की मृतक की पत्नी से दोस्ती थी और वह उसे पसंद करता था। आरोपी ने अदालत के समक्ष दलील दी कि अधिकतर गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है, इसलिए उसे अब और हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है। उसके वकील ने दावा किया कि उसके मुवक्किल के खिलाफ मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के पर आधार पर दर्ज किया गया है और उसे इसमें झूठा फंसाया गया है। अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता पर उस महिला के पति की हत्या करने का आरोप है जिससे वह प्यार करता था। अपराध बहुत ही क्रूर तरीके से किया गया और याचिकाकर्ता ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की तथा इसे दुर्घटना का रंग देने की भी कोशिश की।''