देश का व्यापारिक घाटा 13 प्रतिशत बढ़कर 93.32 अरब डॉलर हुआ
Saturday, Mar 16, 2019 - 08:20 PM (IST)
नई दिल्ली: देश का माल और सेवाओं का व्यापार घाटे में चल रहा है। पिछले 11 महीनों के दौरान घाटा 13 प्रतिशत बढ़कर 93.32 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। एक साल पहले इसी अवधि में यह 82.46 अरब डॉलर पर था।आंकड़ों के अनुसार स्पष्ट किया गया है कि रिजर्व बैंक के अंतिम आंकड़े आने के बाद इनमें बदलाव संभव है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से फरवरी 11 महीनों में माल और सेवाओं का कुल 483.98 अरब डॉलर का निर्यात किया गया। वहीं इस अवधि में माल और सेवाओं का कुल आयात 577.31 अरब डॉलर का रहा। इस प्रकार कुल व्यापार घाटा 93.32 अरब डॉलर हुआ है। इसके साथ वाणिज्यिक माल का निर्यात 298.47 अरब डॉलर का रहा और सेवाओं का 185.51 अरब डॉलर का निर्यात किया गया।
वर्ष 2018 में 8.85 प्रतिशत अधिक वस्तुओं का निर्यात किया गया। वहीं सेवाओं के निर्यात में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि रही। आलोच्य अवधि में 464.00 अरब डॉलर के सामानों का आयात किया गया, जबकि सेवाओं का आयात आंकड़ा 113.31 अरब डॉलर रहा। कुल मिलाकर माल और सेवाओं का 577.31 अरब डॉलर का आयात हुआ। वस्तुओं के आयात में इस दौरान 9.75 प्रतिशत जबकि सेवाओं के आयात में 8.01 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। यदि केवल सेवाओं के व्यापार की बात की जाये तो इसमें व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में है।
भारत ने आयात के मुकाबले 72.20 अरब डॉलर की अधिक सेवाओं का निर्यात किया। लेकिन वस्तुओं के व्यापार में 165.52 अरब डॉलर का घाटा होने की वजह से शुद्ध व्यापार घाटा 93.32 अरब डॉलर का रहा। विज्ञप्ति में कहा गया है कि सेवा व्यापार के आंकड़े अभी अंतिम नहीं हैं। सेवा व्यापार के फरवरी के आंकड़े अनुमान के आधार पर जोड़े गए हैं। वहीं, अक्टूबर से जनवरी तक के सेवा व्यापार के आंकड़े रिजर्व बैंक के अस्थाई आंकड़ों पर आधारित हैं। इस लिहाज से अप्रैल-फरवरी के सकल व्यापार घाटे के आंकड़ों में बदलाव भी हो सकता है।
अप्रैल से फरवरी 2018-19 के दौरान पेट्रोलियम पदार्थों का कुल आयात 128.72 अरब डॉलर रहा जो कि एक साल पहले इसी अवधि में 97.53 अरब डॉलर का रहा था। इस प्रकार डॉलर के आयात आंकड़ों में यह 32 प्रतिशत अधिक रहा। वहीं गैर-पेट्रोलियम वस्तुओं का आयात आलोच्य अवधि में 335.28 अरब डॉलर का रहा जो कि एक साल पहले इसी अवधि में हुये आयात के मुकाबले 3.09 प्रतिशत अधिक रहा।