UN एजेंसियों ने स्कूल खोलने को लेकर गाइडलाइंस की जारी, भारत को दिया खास सुझाव

punjabkesari.in Thursday, May 07, 2020 - 05:20 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वायरस महामारी के चलते  लॉकडाउन के कारण भारत सहित दुनिया के कई देशों के स्कूल-कालेज बंद है। लॉकडाउनन के कारण प्रभावित हो रही पढ़ाई को लेकर संयुक्त राष्ट्र (UN) एजेंसियों ने चिंता जाहिर की है। UN एजेंसियों यूनेस्को, यूनिसेफ, विश्व बैंक और विश्व खाद्य कार्यक्रम ने दुनिया भर में कोरोना वायरस के कारण शैक्षणिक संस्थाओं के व्यापक स्तर पर बंद रहने के कारण बच्चों की शिक्षा एवं उनके कल्याण को अप्रत्याशित खतरा होने को लेकर सचेत करते स्कूल पुन: खोलने संबंधी गाइडलाईन यानि दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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 दिए ये खास सुझाव
यूनेस्को, यूनिसेफ, विश्व बैंक और विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा भारत सहित कई अन्य देशों को खास सुझाव दिया कि दिशा-निर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय एवं स्थानीय प्राधिकारियों को स्कूल पुन: खोलने का फैसला बच्चों के हित और सार्वजनिक स्वास्थ्य के संबंध में समग्र विवेचना को ध्यान में रखकर करना चाहिए तथा यह विवेचना शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक-आर्थिक कारक से जुड़े लाभों एवं जोखिमों के आकलन पर आधारित होनी चाहिए। गाइडलाईन में कहा गया है कि स्कूल बंद करने का संक्रमण की दर पर असर का आकलन करने के लिए अभी पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं, लेकिन बच्चों की सुरक्षा एवं उनके सीखने की प्रक्रिया में स्कूल बंद होने के दुष्प्रभाव के बारे में लिखित प्रमाण मौजूद हैं।

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शैक्षणिक संस्थान बंद होने से 154 करोड़ से अधिक बच्चों पर पड़ा असर
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के अनुसार हाल के दशकों में बच्चों की शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने में जो सफलता मिली है, उस पर स्कूल बंद होने के कारण पानी फिरने का खतरा है। यूनेस्को के अनुमान के अनुसार कोविड-19 संक्रमण के बीच विश्वभर में शैक्षणिक संस्थान बंद होने से 154 करोड़ से अधिक बच्चे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के दिशा-निर्देशों में कहा गया है, ''कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण शैक्षणिक संस्थाओं के व्यापक स्तर पर बंद रहने के कारण खासकर सबसे वंचित तबकों के उन बच्चों की शिक्षा एवं कल्याण को अप्रत्याशित खतरा है, जो अपनी शिक्षा के लिए इन स्कूलों पर निर्भर हैं।

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कमजोर तबके के बच्चे स्कूल बंद होने के कारण सर्वाधित प्रभावित
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का मानना है कि सबसे कमजोर तबके के बच्चे स्कूल बंद होने के कारण सर्वाधित प्रभावित होते हैं और पहले के संकटों से हम यह बात जानते हैं कि जितने अधिक दिनों तक उन्हें स्कूल से बाहर रखा जाएगा, उनकी स्कूल वापसी की उम्मीद उतनी ही कम होती जाएगी। यूनेस्को की एक प्रतिनिधि ने बताया कि स्कूल खोलने संबंधी दिशा-निर्देश स्कूलों की तैयारी के आकलन की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हैं। जानकारी के अनुसार भारत में मानव संसाधन विकास मंत्रालय सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है, जिनका स्कूल खुलने पर पालन किया जाएगा। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 16 मार्च से विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय बंद हैं। इस वायरस से अबतक दुनिया में 38 लाख लोग संक्रमित हुए हैं जिनमें से कम से कम 2. 65 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।


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Tanuja

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