कोरोना फाइटर- 93 और 88 साल के कपल ने दी वायरस को मात, डॉक्टर भी मान रहेे चमत्कार

punjabkesari.in Wednesday, Apr 01, 2020 - 04:47 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पूरी दुनिया में इस समय जहां कोरोना ने तबाही मचाई हुई है इसी बीच इस वायरस को हराने वाले किसी योद्धा से कम नहीं है। कई लोग इस महामारी से जंग लड़ रहे हैं और जो इस वायरस से घबराए हुए हैं उनके लिए केरल के 93 और 88 वर्षीय पति-पत्नी की कहानी किसी बड़ी प्रेरणा से कम नहीं है। सादा जीवन बिताने वाले इस बुजुर्ग दंपत्ति नेे पौष्टिक भोजन की मदद से कोरोना का शिकस्त दी है। कई दिनों तक गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती रहने के बाद दोनों के कोरोना मुक्त होने को मेडिकल किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहा है। अस्पताल के अलग वार्ड में भर्ती रहने के दौरान भी 93 वर्षीय थॉमस अब्राहम ने अपने खाने-पीने का अंदाज नहीं बदला था। वार्ड में भी उन्होंने पझनकांजी (चावल से बना व्यंजन), कप्पा और कटहल ही खाया। 

 

बेटे-बहू से हुआ वायरस
थॉमस और उनकी पत्नी मरियम्मा  वायरस उनके बेटे-बहूू और पोते से हुआ जो पिछले महीने इटली से लौटे थे। परिवार के पांचों सदस्य कोरोना की चपेेट में आ गए थे लेकिन अब सभी संक्रमण मुक्त हो गए हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इस बुजुर्ग जोड़े को संभवत: बुधवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। दोनों कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती थे। बुजुर्ग जोड़े के पोते रिजो मॉन्सी ने कहा कि संभवत दोनों अपनी साधारण सी जीवन शैली के कारण ही इतनी जल्द स्वस्थ हो पाए हैं। रिजो ने कहा  कि दादा  पथनमथिट्टा जिले के रानी में किसानी करते हैं और शराब तथा सिगरेट को हाथ भी नहीं लगाते हैं। रिजो ने हंंसते हुए कहा कि जिम गए बिना है उसके दादा के सिक्स पैक ऐब्स हैं। रिजो ने अपने दादा-दादी के इलाज के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा की और कहा कि डॉक्टरों ने उनको बचाने का हरसंभव प्रयास किया और इसमें वे सफल भी हुए। 

 

अगस्त में आना था भारत 
इटली में रेडियोलॉजी के क्षेत्र में काम करने वाले रिजो ने बताया कि वह अपनेे माता-पिता के साथ सालों से इटली में रह रहा है। हम पहले भारत अगस्त में आने वाले थे लेकिन दादा जी ने कहा कि जल्दी आ जाओ, इसलिए हम पिछले महीने ही आ गए। अब सोचते हैं कि अच्छा हुआ जल्दी आ गए वर्ना अभी हम इटली में होते। इटली कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। वहां अभी तक 11,500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और एक लाख से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। रिजो ने बताया कि इटली की सरकार ने पहले वायरस को सामान्य फ्लू समझ लिया था। लेकिन बाद में चीजें हाथ से निकल गई। हालांकि रिजो ने कहा कि इटली में जहां वो लोग रहते हैं, वह ज्यादा प्रभावित नहीं है।

 

दादा को पझनकांजी, दादी को मछली पसंंद
रिजो ने बताया कि उसके दादा को पझनकांजी, कप्पा और चक्का पसंद है जबकि दादी मछली पसंद से खाती है। पझनकांजी, पके हुए चावल (भात) से बना व्यंजन है, जिसमें रात को भात में पानी डालकर छोड़ दिया जाता है और वह सुबह तक फर्मेंट हो जाता है। कप्पा एक प्रकार का जड़ है जिससे सब्जी और चिप्स आदि बनते हैं। चक्का केरल में कटहल को कहते हैं। रिजो ने कहा कि पृथक वार्ड में रहने के दौरान भी थॉमस पझनकांजी और नारियल की चटनी, कप्पा ही खाने के लिए मांगते थे और उन्हें यही दिया गया। रिजो ने कहा कि हम उनके घर लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। थॉमस और मरियम्मा के तीन बच्चे, सात पोते-पोतियां और 14 परपोते-परपोतियां हैं। परिवार में रिजो, उसके माता-पिता, दादा-दादी के अलावा उसकी बहन, बहनोई और चाचा भी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। रिजो की बहन और बहनोई दोनों नर्स हैं और आठ महीने पहले इटली से लौटे हैं।


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Seema Sharma

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