संविधान दिवस मनाने का दिन 26 नवंबर ही क्यों? जानें...

punjabkesari.in Saturday, Nov 26, 2016 - 08:40 PM (IST)

नई दिल्ली: 26 नवम्बर को भारत में हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके पीछे कई महत्वपूर्ण जानकारियां छिपी हैं। भारत का संविधान दुनिया के सभी संविधानों को परखने के बाद बनाया गया था इसीलिए इस संविधान को सबसे महत्वपूर्ण संविधान कहा जाता है। अब से हर वर्ष 26 नवंबर को भारत में संविधान दिवस होगा।


इसलिए चुना गया 26 नवंबर
आपको बता दें कि 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 नवंबर 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। 26 नवंबर का दिन संविधान के महत्व का प्रसार करने के लिए चुना गया था।
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सबसे बड़ा संविधान
विश्व में भारत का संविधान सबसे बड़ा है। इसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 94 संसोधन शामिल हैं। भारत का संविधान एक हस्तलिखित है। इसमें 48 आर्टिकल हैं। इस संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का वक्त लगा था।


समिति की स्थापना
29 अगस्त 1947 को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति की स्थापना हुई जिसमें अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर की नियुक्ति हुई।
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संविधान का मसौदा और शुभ संकेत
संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों में ही हस्तलिखित और कॉलीग्राफ्ड थी, इसमें किसी भी तरह की टाइपिंग या प्रिंट का प्रयोग नहीं किया गया। जिस दिन भारत का संविधान तैयार किया जा रहा था, उस दिन बारिश हो रही थी। भारत की संस्कृति में इसे शुभ संकेत माना जाता है।


248 सदस्य की बनी थी टीम
संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। 2 दिन बाद इसे प्रभाव में लाया गया।

पीएम मोदी ने की थी घोषणा
नरेंद्र मोदी ने मुंबई में जब पिछले दिनों इंदू-मिल्‍स कंपाउंड में डॉक्‍टर अंबेडकर मेमोरियल की नींव रखी तो इस बाबत एक अहम घोषणा की। इस दिन का मकसद लोगों में संविधान और इसके निर्माता डॉक्‍टर अंबेडकर के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करना है। पीएम मोदी ने यह भी कहा है कि अब हर स्‍कूल में बच्‍चों को डॉक्‍टर अंबेडकर के बारे में पढ़ाया जाएगा। 


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