ब्यूटी पार्लर की आड़ में हो रहा यह गंदा काम... महिलाओं को अपना शिकार बना रहे Muslim युवक
punjabkesari.in Monday, Apr 14, 2025 - 11:48 AM (IST)

नेशनल डेस्क। श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष और प्रमुख याचिकाकर्ता पंडित दिनेश शर्मा फलाहारी ने एक नया और गंभीर दावा किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ मुस्लिम युवक ब्यूटी पार्लर में महिलाओं को निशाना बना रहे हैं और धीरे-धीरे उन्हें प्रेम जाल में फंसाकर कथित 'लव जिहाद' की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
ब्यूटी पार्लर की आड़ में नज़दीकियां बढ़ाने का आरोप
पंडित दिनेश फलाहारी का कहना है कि कुछ युवक ब्यूटी पार्लरों में हेयर कटिंग और ब्यूटी ट्रीटमेंट जैसे कामों के जरिए महिलाओं से संपर्क बढ़ाते हैं। बाद में यह नजदीकियां एकतरफा प्रेम में बदल जाती हैं और फिर कथित रूप से युवतियों को भगाकर कोर्ट मैरिज की जाती है।
उनके मुताबिक यह केवल एक स्थानीय घटना नहीं बल्कि देशभर में फैले एक सुनियोजित नेटवर्क का हिस्सा है।
'मुस्लिम संगठनों से मिलती है मदद' – दिनेश फलाहारी का दावा
फलाहारी ने आरोप लगाया कि इन युवकों को मुस्लिम संगठनों की ओर से आर्थिक सहायता भी दी जाती है ताकि वे इस तरह की गतिविधियों को अंजाम दे सकें। उन्होंने यह भी कहा कि शादी के बाद लड़कियों को कई बार दूसरे शहरों में ले जाकर बेच दिया जाता है।
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‘ब्यूटी पार्लर संचालकों पर हो कार्रवाई’
दिनेश फलाहारी ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे ब्यूटी पार्लर संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए जो महिला ग्राहकों के साथ काम करने के लिए इन युवकों को नियुक्त करते हैं। उनका मानना है कि यह समाज और महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा मामला है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
'पहले स्कूल, अब पार्लर' – राम की दासी युगेश्वरी देवी
इसी मुद्दे पर राम की दासी युगेश्वरी देवी ने भी अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि पहले ऐसे युवक स्कूलों और कॉलेजों के बाहर नजर आते थे लेकिन अब उन्होंने ब्यूटी पार्लरों को नया ठिकाना बना लिया है। इससे महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
प्रशासन से सख्त रुख अपनाने की मांग
इस पूरे मामले को लेकर संत समाज और कुछ संगठनों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। वे चाहते हैं कि ब्यूटी पार्लरों की सघन जांच हो और जहां भी इस तरह की गतिविधियों की आशंका हो वहां कड़ी कार्रवाई की जाए। वहीं कहा जा सकता कि यह मामला अब स्थानीय से निकलकर राजनीतिक और सामाजिक विमर्श का विषय बनता जा रहा है। हालांकि प्रशासन की ओर से अब तक इस विषय में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन दिनेश फलाहारी और उनके समर्थकों की मांग है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए और जरूरत पड़ी तो जांच एजेंसियों को भी इसमें जोड़ा जाए।