लोकसभा में उठा कर्नाटक संकट का मुद्दा, राजनाथ बोले- राहुल गांधी की राह पर हैं कांग्रेस नेता

punjabkesari.in Monday, Jul 08, 2019 - 02:44 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने सोमवार को लोकसभा में कर्नाटक की राजनीति में बनी अस्थिरता की स्थिति को उठाया और भाजपा नीत केंद्र सरकार पर विपक्षी पार्टी के सदस्यों को प्रलोभन देकर दल बदल कराने का आरोप लगाया। सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस में इस्तीफों का सिलसिला तो राहुल गांधी ने ही शुरू किया है। शून्यकाल में कर्नाटक का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश और कर्नाटक की राज्य सरकारों को तोड़ने के लिए दल बदल कराने का काम किया जा रहा है। 
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चौधरी ने कहा कि भाजपा को पसंद नहीं कि कहीं विपक्ष की सरकार रहे। उन्हांने आरोप लगाया कि कर्नाटक के कांग्रेस के विधायकों को प्रलोभन देकर दल बदल कराया जा रहा है और उन्हें चार्टर्ड विमान में ले जाकर मुंबई के पांच सितारा होटल में ठहराया जा रहा है। उन्होंने इसके पीछे ‘सुनियोजित सोच' होने का दावा करते हुए कहा कि इस बारे में जब सवाल उठेगा तो भाजपा कह सकती है कि आपके विधायक आपके साथ नहीं रहे तो हम क्या करें। सदन में कांग्रेस के नेता ने कहा कि हमारी स्थिति ऐसी है कि घर में चांदी और सोने के सिक्के हैं जिन्हें चोर चोरी करके ले जा रहा है क्योंकि हमारे घर में पहरेदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में 303 सांसद जीतने के बाद भी आपका पेट नहीं भरा है। आपका पेट, कश्मीरी गेट के बराबर हो गया है।

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रक्षा मंत्री और सदन के उप नेता राजनाथ सिंह ने कहा कि कर्नाटक में इस समय जो कुछ हो रहा है, उसका हमारी पार्टी से कोई लेनादेना नहीं है। हमारी पार्टी का इतिहास रहा है कि हम दबाव और प्रलोभन से दल बदल कराने की कोशिश नहीं करते। हम संसदीय लोकतंत्र की गरिमा बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सिंह ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘त्यागपत्र दिलाने का सिलसिला हमने शुरू नहीं किया। यह तो राहुल गांधी ने शुरू किया है और उनके कहने पर कई नेताओं ने त्यागपत्र दिये हैं। कांग्रेस सदस्यों ने राजनाथ सिंह के जवाब पर असंतोष जताते हुए अपने स्थानों पर खड़े होकर विरोध किया। इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने द्रमुक के टी आर बालू को शून्यकाल में बोलने का अवसर दिया। 


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बालू ने कहा कि तमिलनाडु के विद्यार्थियों को को नीट से छूट देने के संबंध में राज्य विधानसभा ने दो विधेयक पारित कर राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजे थे। केंद्र ने इन्हें 27 महीने तक ठंडे बस्ते में डालकर रखा। बालू ने कहा कि हाल ही में पता चला है कि केंद्र सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि राष्ट्रपति ने इन दोनों विधेयकों को निरस्त कर दिया है। उन्होंने इस बारे में सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की और सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आने पर द्रमुक सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने देश में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश के विषय को उठाया। इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य फिर से खड़े होकर कर्नाटक के मामले पर राजनाथ सिंह के जवाब पर असंतोष जताने लगे। बंदोपाध्याय अपनी बात पूरी नहीं कर सके। राहुल गांधी समेत पार्टी के अन्य सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गये। इसी बीच लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदन की बैठक को भोजनावकाश के लिए दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया।


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vasudha

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