कांग्रेस फर्जी राफेल विवाद गढ़ रही है: जेटली

punjabkesari.in Tuesday, Jul 24, 2018 - 09:14 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर फर्जी राफेल विवाद पैदा करने का आरोप लगाया। जेटली ने यह भी कहा कि असली मुद्दों के अभाव में सबसे पुरानी पार्टी बहुसंख्यकों पर प्रहार करने के लिये मृदु भाषा के रूप में धर्मनिरपेक्षता को फिर से परिभाषित कर रही है और इस प्रक्रिया में बहुसंख्यकों की दुश्मनी मोल ले रही है।

जेटली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को अगला चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रदर्शन पर जनमत संग्रह बन जाने का खतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और उनके प्रतिद्वंद्वी की लोकप्रियता में भारी अंतर है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस का या तो अस्तित्व ही नहीं है या वह उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में तीसरे या चौथे स्थान पर है। इन राज्यों से लोकसभा की अच्छी खासी सीटें आती हैं।

भाजपा से होगा सीधा मुकाबला
जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस के इसलिये प्रभावी तरीके से सिर्फ तकरीबन 225 सीटों पर चुनाव लडऩे की संभावना है , जहां इसका भाजपा के साथ सीधा मुकाबला होगा। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी क्या करे जब उसके नेता की अंर्तिनहित सीमाएं हैं।’’ उन्होंने कहा कि वह (कांग्रेस) भ्रष्टाचार है , जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने घोटालों से मुक्त सरकार का नेतृत्व किया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने ‘द कांग्रेस पार्टी एंड द फेक इश्यू ऑफ राफेल’ शीर्षक से अपने ब्लॉग में कहा, ‘‘इसलिये उसकी रणनीति विकृत करने की है। अगर कोई मुद्दा नहीं है तो गढ़ा जाए। इसलिये राफेल का फर्जी विवाद गढ़ा गया।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दो तरह की रणनीति है। पहला राफेल मुद्दे को गढऩे का और दूसरा‘ अल्पसंख्यकों का मत’ हासिल करने के लिये धर्मनिरपेक्षता को फिर से परिभाषित करने से संबंधित है।

राष्ट्रीय सुरक्षा शामिल है
जेटली ने कहा, ‘‘यह मुद्दा ज्यादा प्रभावित नहीं कर रहा है। यह एक सरकार का दूसरी सरकार के साथ समझौता है और इसमें किसी निजी समूह को शामिल नहीं किया गया है। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा शामिल है और सशस्त्र बलों ने अपनी लड़ाकू क्षमता में सुधार के लिये इस विमान को तरजीह दी है।’’ उन्होंने कहा कि संप्रग के मंत्रियों ने भी हथियारों की लागत का ब्योरा कभी नहीं दिया क्योंकि यह व्यापक जनहित में नहीं है।

उन्होंने कहा कि रक्षा उपकरणों की आपूर्तिकर्ता, ओईएम मैन्यूफैक्चरर्स अपनी निर्माण शाखा खुद नियुक्त करती है। सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘सत्य हमेशा टिकता है। झूठ टिक नहीं पाता। इसलिये राहुल गांधी का यह बयान (गत शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान) कि राष्ट्रपति मैक्रों ने उनसे कहा कि गोपनीयता को लेकर कोई समझौता नहीं है, वह चूर-चूर हो गया। इसके अगले दिन कांग्रेस पार्टी ने राफेल मुद्दे को अन्य विषयेतर आधार की तरफ मोड़ दिया।’’
 
अल्पसंख्यकों का वोट हासिल करने की है कोशिश
भारत ने 36 राफेल विमानों की खरीद के लिये सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इन विमानों की आपूर्ति सितंबर 2019 से शुरू होने वाली है। जेटली ने कहा कि कांग्रेस की दूसरी रणनीति संघीय मोर्चा की तरफ निर्देशित है। उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दों पर भाजपा पर हमला करके वह संघीय मोर्चा के साथ अंर्तिनहित लड़ाई में लगी हुई है ताकि अल्पसंख्यक वोट हासिल किये जा सकें। उन्होंने कहा कि हिंदुओं की ‘तालिबान’ से तुलना और ‘हिंदू पाकिस्तान’ जैसे शब्दों के पीछे की मंशा अल्पसंख्यकों का मत फिर से हासिल करना है और यह संघीय मोर्चा के खिलाफ निर्देशित है। यह रणनीति भी निष्फल होने वाली है।

जेटली ने कहा कि भारतीय चुनावी प्रक्रिया में समान भागीदार होने के नाते अल्पसंख्यकों को मतदान का संवैधानिक अधिकार है और बहुसंख्यकों को भी यह मिला हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘बहुसंख्यकों पर प्रहार करने के लिये मृदु भाषा के रूप में धर्मनिरपेक्षता को फिर से परिभाषित करके कांग्रेस पार्टी बहुसंख्यकों की दुश्मनी मोल ले रही है। ऐसा चुनाव में हमेशा होगा , जहां आपके पास अयोग्य नेता है और कोई असली मुद्दा नहीं है।’’


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Yaspal

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