पणजी उपचुनाव: पर्रिकर के गढ़ में 25 साल बाद जीत हासिल करने पर टिकीं कांग्रेस की निगाहें

punjabkesari.in Friday, May 10, 2019 - 07:23 PM (IST)

पणजीः गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद खाली हुई पणजी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जीत के लिये भाजपा और कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। एक ओर जहां भाजपा इस सीट पर दोबारा जीत हासिल करने की कोशिश में जुटी है, वहीं कांग्रेस की निगाह 25 साल बाद विजयी परचम लहराने पर टिकी हैं। 1994 में भाजपा के मनोहर पर्रिकर ने इस सीट से अपना पहला चुनाव जीता था। तब से ही यह सीट भाजपा का गढ़ रही है। 

पर्रिकर ने निधन के बाद भाजपा की परीक्षा
हालांकि इस बार पर्रिकर की गैरमौजूदगी में हो रहे चुनाव में विपक्षी पार्टी कांग्रेस की जीत की उम्मीदें बढ़ गई हैं। पणजी सीट पर 19 मई को मतदान होना है। भाजपा ने उपचुनाव में पूर्व विधायक सिद्धार्थ कुनकोलियंकर को उम्मीदवार बनाया है। मनोहर पर्रिकर 2015 से 2017 के बीच केन्द्रीय रक्षा मंत्री रहे थे। उस दौरान सिद्धार्थ ने ही इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। 

25 साल में पहली बार पर्रिकर की गैरमौजूदगी में भाजपा मैदान में
वहीं कांग्रेस ने राज्य के पूर्व मंत्री एटानासियो मोन्सेराटे को टिकट दिया है। इस सीट पर उपचुनाव को इसलिये भी अहम माना जा रहा है क्योंकि बीते 25 साल में पहली बार यहां मनोहर पर्रिकर की गैरमौजूदगी में चुनाव हो रहा है। इन 25 वर्षों के दौरान भाजपा ने पणजी सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखी, जिसमें पर्रिकर का करिश्मा भी एक फैक्टर था। उनके निधन के बाद इस बात की चर्चा थी कि पार्टी उनके बड़े बेटे उत्पल पर्रिकर को इस सीट से उम्मीदवार बना सकती है। 

हालांकि पार्टी ने अंत में कुनकोलियंकर को ही चुना। राज्य के मंत्री मॉविन गोडिन्हो ने बृहस्पतिवार को कहा कि उत्पल को टिकट न देने का फैसला करके पार्टी का शीर्ष नेतृत्व 'परिवार राज' को बढ़ावा देने के आरोपों से बचना चाहता होगा। 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में कुनकोलियंकर ने मोन्सेराटे को ही हराया था। उस समय मोन्सेराटे कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News