16 साल पहले हुई दुर्घटना में 20 लाख मुआवजा

punjabkesari.in Monday, Feb 26, 2018 - 08:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के ठाणे में 16 वर्ष पहले हुए सड़क दुर्घटना मामले में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्युनल (एमएसीटी) ने फैसला सुनाया है। एमएसीटी ने परिवार को 20 लाख का मुआवजे का आदेश दिया है। बता दें कि ठाणे में सड़क हादसे में एक इंजीनियर की मौत हो गई थी। जिसका मामला एमएसीटी में लंबित था। कल्याण में एमएसीटी के सदस्य एसपी गोगारकर ने गाड़ी मालिक और इंश्योरेंस कंपनी को संयुक्त रूप से हादसे की तारीख से सालाना 8 प्रतिशत ब्याज दर से भुगतान करने का आदेश दिया है। दरअसल आदेश महीने की शुरुआत में दिया गया था।

हाजिरा जा रहा था मृतक
ठाणे जिले के उल्हासनगर में रहने वाले परिवार ने मुआवजे का दावा किया था। उन्होंने एमएसीटी को बताया कि मृतक विनोद रामशंकर पांडेय पेशे से सिविल इंजीनियर थे। उनका खुद का बिजनेस था, सालाना 72,851 रुपये की आय थी। दावेदार के मुताबिक इंजीनियर विनोद रामशंकर पांडेय 13 जनवरी 2002 को अपने दोस्त के साथ कार से हाजिरा जा रहे थे। गुजरात के दुवाड़ा के पास सामने से आ रहे एक ट्रक से कार का टक्कर हो गई, सिंगल रोड थी। इस हादसे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

परिवार में पत्नी, माता-पिता, तीन बच्चे
मृतक विनोद रामशंकर के परिवार में उनकी पत्नी, माता-पिता और तीन बच्चे हैं। पीड़ित परिवार ने पहले तो 12.5 लाख रुपये मुआवजे का दावा किया। जिसे बाद में बदल कर 31.75 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की। पीड़ित परिवार ने कहा था कि रामशंकर की इनकम अच्छी थी। इससे वो खुशी से रह रहे थे और आगे भी अच्छी इनकम का भरोसा रखते थे।

हालांकि ट्रक मालिक एमएसीटी में हाजिर नहीं हुआ, फैसला पहले ही उसके खिलाफ चला गया। लेकिन बीमा कंपनी ने अपना दावा किया और दावे में कहा कि मृतक विनोद रामशंकर लापरवाही से गाड़ी चला रहा था और यह हादसा लापरवाही के कारण हुआ था। कपंनी ने यह भी बताया कि परिवार ने अधिक राशि का दावा किया है।एमएसीटी के सदस्य गोगारकर ने मामले में तर्कों की सुनवाई के बाद कहा कि इनकम के बारे में दिए गए सबूत सही हैं और इसे स्वीकार किया जाता है। यह लॉरी ड्राइवर की लापरवाही के कारण हादसा हुआ था। 
 


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