कंपनी ने पूछा 'स्ट्रेस है?' कर्मचारी बोले हां, और खो दी नौकरी
punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2024 - 11:41 AM (IST)
नेशनल डेस्क: नोएडा स्थित होम सैलून सेवा प्रदाता कंपनी YesMadam इन दिनों अपने एक चौंकाने वाले कदम के कारण सुर्खियों में है। कंपनी ने 100 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया, और इसका कारण काफी असामान्य था। रिपोर्ट के अनुसार, YesMadam ने अपने कर्मचारियों से काम के तनाव को लेकर एक सर्वे किया था। सर्वे में जिन कर्मचारियों ने "हां" कहा कि वे काम के तनाव का सामना कर रहे हैं, उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया गया।
कंपनी के मानव संसाधन विभाग ने कर्मचारियों को एक ईमेल भेजा, जिसमें यह बताया गया कि कंपनी एक स्वस्थ कार्य वातावरण बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इसीलिए उन कर्मचारियों को निकाला जा रहा है, जो गंभीर तनाव महसूस कर रहे थे। कंपनी ने दावा किया कि यह कदम कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए उठाया गया था। ईमेल में कहा गया कि कंपनी कर्मचारियों की चिंताओं को महत्व देती है और उनका सम्मान करती है, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए इस निर्णय को लिया गया।
YesMadam के इस फैसले के बाद कई कर्मचारी सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर करने लगे। एक कर्मचारी ने लिखा, "यह कैसे हो सकता है? हमने अपनी चिंताओं को साझा किया और इसके बदले हमें नौकरी से निकाल दिया गया।" एक अन्य कर्मचारी ने लिखा, "क्या यह सही है कि जो कर्मचारी तनाव में हैं, उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया जाए?" इस प्रकार के प्रतिक्रियाओं से यह साफ है कि कंपनी के इस फैसले पर कर्मचारियों के बीच भारी असंतोष था।
इस ईमेल की वास्तविकता को लेकर अब तक कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इस घटना ने सोशल मीडिया पर चर्चा का बड़ा विषय बना दिया है। कई लोग इस फैसले को YesMadam की एक विचित्र और असंवेदनशील नीति मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर एक सकारात्मक कदम के रूप में देख रहे हैं। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने यह सवाल भी उठाया है कि क्या कोई संगठन कर्मचारियों को तनाव के कारण नौकरी से निकाल सकता है।
इस पूरे मामले में कुछ अन्य प्रतिष्ठित कंपनियों के कर्मचारियों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उदाहरण के लिए, IndiGo के डिजिटल मार्केटिंग एसोसिएट डायरेक्टर Shitij Dogra ने अपने लिंक्डइन अकाउंट पर पोस्ट करते हुए इस घटना पर सवाल उठाया कि क्या कोई कंपनी कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य के कारण उन्हें निकाल सकती है। यह घटना विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए चौंकाने वाली है जो अपनी मानसिक स्थिति के बारे में खुलकर बात करने में हिचकते नहीं हैं। इसने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत को भी उजागर किया है, लेकिन यह सवाल भी खड़ा किया है कि क्या यह कदम सही तरीका था।
कंपनी के इस कदम ने तनाव के प्रभाव को लेकर कई नए सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या किसी कर्मचारी को सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाला जा सकता है क्योंकि वह मानसिक तनाव महसूस कर रहा है? क्या यह कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा को दिखाता है? इस पूरे मामले ने कई कंपनियों के कार्य संस्कृति और मानसिक स्वास्थ्य की नीतियों पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। अब तक, इस ईमेल की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इस फैसले ने उद्योग जगत और कर्मचारियों के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। भविष्य में इस तरह के फैसलों पर अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता हो सकती है, ताकि कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य के मामले को बेहतर तरीके से समझा जा सके और सही दिशा में कदम उठाए जा सकें।