पंजाब से पहुंची 53 कम्बाइन मशीनें , जम्मू-साम्बा और कठुआ जिले में जोर-शोर से होगी गेहूं की कटाई

punjabkesari.in Wednesday, Apr 29, 2020 - 02:17 PM (IST)

जम्मू (कमल) : जम्मू-कश्मीर यू.टी. में गेहूं की कटाई के लिए कम्बाइन मशीनों और खेत मजदूरों की कमी से परेशान किसानों को एक बड़ी राहत मिलने जा रही है क्योंकि पड़ोसी राज्य पंजाब से 53 कम्बाइन मशीनें प्रदेश में पहुंच चुकी है। जम्मू-कश्मीर के इतिहास में पहला अवसर है कि इतनी बड़ी संख्या में पंजाब से कम्बाइन मशीनों को मंगवाया गया है।  जम्मू-कश्मीर में पहुंची 53 कम्बाइन मशीनें (टै्रक्टर आपरेटिंग हार्वेस्टर रिपर्स-कम-बाइंडर्स) जिला जम्मू, जिला कठुआ और जिला साम्बा के लिए है। कृषि विभाग ने कुछ मशीनों को कटाई के लिए परमिशन दे दी थी लेकिन मशीनों की एक सीमित संख्या थी। जम्मू संभाग में पहले 20 के करीब जम्मू आधारित मालिकों की कम्बाइन मशीनें काम कर रही है जिनके ड्राइवरों और आपरेटरों को पंजाब से बुलाने की अनुमति प्रशासन ने प्रदान की है।

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तीनों जिले के किसान, विशेष रूप से बार्डर एरिया के किसान सरकार से बार-बार कटाई के लिए व्यवस्था करने की मांग उठा रहे थे। गौरतलब है कि कोविड-19 कोरोना वायरस की मार से परेशान जे.के. यू.टी. के किसानों को गेहूं की कटाई के लिए श्रमिकों का काफी टोटा रहा जिसके चलते अब किसान पूरी तरह से कम्बाइन मशीनों पर निर्भर थे। जम्मू संभाग के कई जिलों में कई लोगों के पास कम्बाइन मशीनें तो है लेकिन चलाने के लिए आपरेटर की व्यवस्था पंजाब से ही की जाती रही। यही इस बार कई खराब मशीनों के कलपूर्जों की किल्लत भी रही क्योंकि अधिकतर दुकानें बद रहने से न मैकेनिक्स और न ही पुर्जे मिले। 
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जम्मू में गेहूं की कटाई जोरोशोरों पर, किसानों में दिखी खुशी की लहर
जम्मू के ब्लाक मढ़ के पदरोड गांव के कम्बाइन मशीन के मालिक शुभम कुमार ने कहा कि पशुपालन, भेड़पालन, मत्स्य और कृषि विभाग के प्रमुख सचिव नवीन कुमार चौधरी ने निजी तौर पर किसानों की समस्याओं का संज्ञान लिया और स्वयं अपनी निगरानी में पंजाब से ड्राइवरों और आपरेटरों को बुलाने में मदद की।पंजाब से आपरेटर्स को बुलाने पर पिछले एक सप्ताह से मंडाल और मढ़ ब्लाक में उनकी कम्बाइन मशीन गेहूं की कटाई में लगी है। मंडाल के किसान प्रीतम सिंह ने एग्रीकल्चर प्रोडक्शन डिपार्टमैंट जम्मू का आभार जताया जिन्होंने मशीनें को उपलब्ध कराने में उनकी मदद की। 

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 यू.टी. प्रशासन के प्रयासों को पंजाब से आए आपरेटरों ने भी सराहा 
लुधिायाना से आए कम्बाइन लेकर आए स. सुखदेव सिंह संधू ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ कि जम्मू-कश्मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर में पैसे दिए बगैर एंट्री मिली। आश्चर्य और खुशी प्रकट करते हुए संधू ने कहा कि शासकीय लोग खुद उनकी एंट्री के लिए पर्चियां बना रहे हैं। लखनपुर में जे.के. सरकार ने  एक सहायता केंद्र बनाया हुआ है जिसमें उन्हें कोई परेशानी नहीं आने दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले हर साल जम्मू-कश्मीर में आने के लिए कुछ खर्चा देना पड़ता था लेकिन इस बार एक पैसा दिए बगैर सरकार ने खुद लखनपुर क्रास कराया। 
 


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Monika Jamwal

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