बीजेपी की सदस्यता के लिए कॉलेज प्रिंसिपल ने जारी किया आदेश, कांग्रेस के विरोध के बाद हुई कार्रवाई

punjabkesari.in Monday, Jun 27, 2022 - 06:34 PM (IST)

नेशनल डेस्कः गुजरात के भावनगर में एक महिला कॉलेज की प्रधानाचार्य ने एक आदेश जारी कर अपनी छात्राओं को सत्तारूढ़ भाजपा की ‘पन्ना प्रमुख' (बूथ स्तर पर मतदाता सूची प्रभारी) बनने के लिए कहा। कांग्रेस की स्थानीय इकाई ने इस कदम की निंदा की और अपने राजनीतिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए ऐसे शैक्षणिक संस्थानों का उपयोग करने के लिए भाजपा पर हमला किया, जबकि संस्था चलाने वाले न्यास ने कहा कि उन्होंने (प्रधानाचार्य ने) इस्तीफा दे दिया है।

यहां एनसी गांधी और बीवी गांधी महिला कला और वाणिज्य कॉलेज की प्रभारी प्रधानाचार्य रंजनबाला गोहिल ने 24 जून को एक आदेश में भावनगर नगर निकाय क्षेत्र के भीतर रहने वाली सभी छात्राओं को भाजपा की ‘पन्ना प्रमुख' बनने के लिए पासपोर्ट आकार की तस्वीर और मोबाइल फोन ले कर आने को कहा था। उनके आदेश में कहा गया था, “भाजपा के पन्ना प्रमुख के तौर पर पंजीकरण कराने के लिये प्रत्येक छात्रा को अपनी पासपोर्ट आकार की फोटो लेकर आनी है। केवल भावनगर नगर निगम की सीमा के भीतर रहने वाली छात्राएं ही सदस्य बन सकती हैं। भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान में शामिल होने के लिए, प्रत्येक छात्रा कल मोबाइल फोन के साथ कॉलेज आए।”

कॉलेज के ट्रस्टी धीरेन वैष्णव ने कहा कि उनके संज्ञान में रविवार रात को यह आदेश आया, जिसके बाद उन्होंने साथी ट्रस्टियों से इस पर चर्चा की और गोहिल से संपर्क किया। वैष्णव ने कहा, “भावनगर स्त्री केलवानी मंडल ट्रस्ट के सभी संस्थान विकासपरक और शैक्षिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं और खुद को किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम से नहीं जोड़ते हैं।

प्रभारी प्राचार्य ने अपनी गलती स्वीकार की और हमें बताया कि छात्राओं को भाजपा सदस्य के रूप में नामांकित कराने में उनकी कोई व्यक्तिगत रुचि नहीं थी।” उन्होंने कहा,“उन पर (प्राचार्य पर) इस्तीफा देने के लिए कोई बाहरी या आंतरिक दबाव नहीं था। लेकिन उन्होंने ट्रस्ट से उन्हें अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त करने का अनुरोध किया और इस्तीफा दे दिया।”

इस बीच, कांग्रेस की भावनगर शहर इकाई के प्रमुख प्रकाश वघानी ने कहा, “भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने की बात करती है। अब यह स्पष्ट है कि वह इतनी बड़ी कैसे हो गयी। यह एकमात्र संस्थान नहीं है। कई अन्य संस्थान हैं जो भाजपा के अधीन काम करते हैं और पार्टी उन्हें नियंत्रित करती है।” राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं।


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Content Writer

Yaspal

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