19 बच्चों की मौत: कफ सिरप बनाने वाली कंपनी को मिली क्लीन चिट लेकिन डॉक्टर गिरफ्तार...

punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 01:58 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की रहस्यमयी मौतों ने देश को झकझोर कर रख दिया है। जांच में सामने आया कि इन मौतों की कड़ी एक ही कफ सिरप - Coldrif- से जुड़ी हुई है। अब इस पूरे मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है: जहां एक ओर डॉ. प्रवीन सोनी की गिरफ्तारी हुई है, वहीं दूसरी ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सरकार की कार्रवाई पर गंभीर आपत्ति जताई है।

डॉक्टर पर गाज, कंपनी को राहत?
चिंहवाड़ा जिले में कार्यरत बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनी को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने वही कफ सिरप बच्चों को दिया था, जिसमें जहरीला केमिकल डायथिलीन ग्लाइकोल (DEG) मिला पाया गया - जो किडनी फेलियर और मौत का कारण बन सकता है। लेकिन डॉक्टर की गिरफ्तारी पर IMA ने सख्त ऐतराज़ जताया है। संगठन का कहना है कि डॉक्टर ने इलाज के सामान्य प्रोटोकॉल का पालन किया था और सारा दोष उन पर डालना गलत है। IMA ने पूछा है - जब कफ सिरप बनाने वाली Sresun Pharmaceuticals को सरकार ने क्लीन चिट दे दी, तो फिर डॉक्टर को ही क्यों बलि का बकरा बनाया जा रहा है?

IMA की पहल: स्वास्थ्य मंत्रालय से सीधा संवाद
IMA अब इस पूरे मामले को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से सीधी बातचीत करने की तैयारी में है। संगठन डॉक्टर सोनी की रिहाई की मांग कर रहा है और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की वकालत कर रहा है। इसी बीच, एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम को छिंदवाड़ा भेजा गया है, जो ज़मीनी सच्चाई का आकलन कर रही है और स्थानीय प्रशासन से मुलाकात करेगी।

कहां-कहां से आईं मौतों की खबरें?
अब तक कुल 19 बच्चों की मौतें इस कथित जहरीले सिरप से जुड़ी पाई गई हैं - जिनमें से 14 छिंदवाड़ा, 2 बैतूल, और बाकी राजस्थान से हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर डॉक्टर सोनी को तत्काल निलंबित कर दिया गया। FIR भी दर्ज की गई है - डॉक्टर और Coldrif सिरप बनाने वाली कंपनी के खिलाफ, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं में। FIR की शुरुआत परासिया स्वास्थ्य केंद्र के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अंकित साहलाम की शिकायत पर की गई।

लैब रिपोर्ट ने खोली पोल
शुक्रवार को जारी लैब रिपोर्ट में पाया गया कि Coldrif सिरप में 48.6% DEG मौजूद था - जो अंतरराष्ट्रीय मानकों से बेहद अधिक और घातक है।
इसके बाद तमिलनाडु, केरल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने इस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया, जबकि कर्नाटक और तेलंगाना में भी प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।


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Content Writer

Anu Malhotra

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