Health Alert: गर्मी में सर्दी-जुकाम और कफ! डॉक्टर्स ने बताया चौंकाने वाला सच, न करें नजरअंदाज
punjabkesari.in Thursday, Apr 10, 2025 - 08:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गर्मियों का मौसम आते ही आमतौर पर लोगों को गर्मी और लू की चिंता होती है लेकिन इस बार तस्वीर कुछ और ही है। चिलचिलाती धूप और पसीने से तर-बतर इस मौसम में भी लोग सर्दी-जुकाम और खांसी की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इन दिनों कई लोग बहती नाक, सीने में जकड़न और आंखों में खुजली जैसी परेशानियों के साथ ओपीडी में आ रहे हैं। खास बात ये है कि इन लक्षणों के पीछे वायरस नहीं बल्कि एलर्जी जिम्मेदार हो सकती है।
क्या यह वायरल इन्फेक्शन है या एलर्जी?
डॉक्टरों के मुताबिक, गर्मियों में भी अगर बिना बुखार या ठंड के सर्दी-जुकाम हो रहा है तो यह एलर्जी के कारण हो सकता है। दरअसल, फरवरी से अप्रैल के बीच पेड़-पौधों से परागकण हवा में फैलने लगते हैं। ये पराग नाक, आंख और गले में पहुंचकर एलर्जिक रिएक्शन पैदा करते हैं। यही वजह है कि लोग गलतफहमी में इसे वायरल समझ लेते हैं।
डॉक्टरों की चेतावनी
विशेषज्ञों ने साफ कहा है कि इस समय मौसम में धूल और परागकण की मौजूदगी ज्यादा है। ऐसे में एलर्जी की शिकायतें तेजी से बढ़ रही हैं। दिनभर की ओपीडी में 5 से 6 मरीज तो सिर्फ एलर्जी से जुड़ी शिकायतें लेकर ही आ रहे हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि ऐसे समय में सावधानी बेहद जरूरी है और इलाज से पहले कारण को समझना जरूरी है।
गर्मी में एलर्जी क्यों बढ़ रही है? जानें चार बड़े कारण
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परागकण (Pollen Allergy):
पेड़-पौधों और घास के पराग गर्मियों में हवा में ज्यादा फैलते हैं। ये नाक और आंखों के जरिए शरीर में पहुंचकर एलर्जी का कारण बनते हैं। -
धूल भरी आंधी:
तेज हवाओं के साथ धूलकण उड़ते हैं जो सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंचते हैं और खासकर अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। -
नमी और फंगस:
जहां गर्मी के साथ थोड़ी नमी होती है वहां फंगस ज्यादा पनपता है। यह फंगस भी एलर्जी का बड़ा कारण बनता है। -
कीड़े-मकोड़ों से एलर्जी:
गर्मियों में मच्छर, ततैया और मधुमक्खियां ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं। इनके डंक या शरीर से निकले तत्वों से एलर्जी हो सकती है।
कैसे बचें गर्मियों में होने वाली एलर्जी से?
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बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें ताकि पराग और धूल से बचाव हो सके
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आंखों में खुजली या नाक बहने जैसी समस्या हो तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें
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घर के पर्दे, बिस्तर और पंखों की नियमित सफाई करें
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एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें
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डॉक्टर से एंटीहिस्टामिन या एलर्जी टेस्ट की सलाह लें