नफरत के बुलडोजर बंद करो, 8 साल की चर्चा के बाद भारत के पास केवल 8 दिनों का कोयला भंडार है: राहुल गांधी
punjabkesari.in Wednesday, Apr 20, 2022 - 10:34 AM (IST)
नेशनल डेस्क: देश में गहराई बिजली सकंट के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने ट्विट कर कहा कि 8 साल की चर्चा के बाद भारत के पास केवल 8 दिनों का कोयला भंडार है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सिर्फ 8 दिन का कोयला भंडार बचे होने की खबर पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए बुधवार को कहा कि उसे नफरत फैलाने की बजाय देश के लोगों को बराबर रोशनी देने की व्यवस्था करनी चाहिए।
गांधी ने कहा कि महंगाई के दौर में लोगों को बिजली नहीं मिलेगी तो रोजगार का बड़ा अवसर उपलब्ध कराने वाले छोटे उद्योग बंद हो जाएंगे और युवाओं के समक्ष रोजगार का बड़ा संकट पैदा हो जाएगा, इसलिए नफरत और घृणा की बजाय देश के लोगों को सहूलियत देने पर ध्यान देना चाहिए। गांधी ने ट्वीट कर कहा कि 8 साल की बड़ी-बड़ी बातों का परिणाम देखिए कि देश के पास केवल 8 दिन का कोयला भंडार शेष है। मोदी जी, महंगाई का दौर चल रहा है। बिजली कटौती से छोटे उद्योग धराशायी हो जाएंगे। इन छोटे उद्योगों के खत्म होने से लोगों के समक्ष नौकरियों का और बड़ा संकट पैदा हो जाएगा। नफरत के बुलडोजर बंद करो और बिजली संयंत्रों को चालू कर दो।
बता दें कि इससे पहले अखिल भारतीय बिजली इंजीनियर महासंघ (एआईपीईएफ) ने देशभर के कोयला-आधारित बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयले की समुचित आपूर्ति नहीं होने से आने वाले समय में बिजली संकट पैदा होने की आशंका जताई है।
एआईपीईएफ ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ ही देश के अधिकांश राज्यों में बिजली की मांग बढ़ गई है लेकिन कोयले से चलने वाले तापीय बिजली संयंत्रों को जरूरी मात्रा में कोयला नहीं मिल पा रहा है।
8 years of big talk has resulted in India having ONLY 8 DAYS of coal stocks.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 20, 2022
Modi ji, stagflation is looming. Power cuts will crush small industries, leading to more job losses.
Switch off the bulldozers of hate and switch on the power plants! pic.twitter.com/CiqP9SlHMx
इसकी वजह से बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच के फासले को पाटने में कई राज्यों को दिक्कत हो रही है। महासंघ के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने कहा कि तापीय विद्युत संयंत्रों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित न किए जाने पर देश को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है।