दार्जिलिंग मुद्दा: CM ममता बनर्जी ने PM मोदी को फिर लिखा पत्र, वार्ताकार की नियुक्ति रद्द करने का किया अनुरोध

punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 04:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फिर से पत्र लिखकर केंद्र से अनुरोध किया कि वह दार्जिलिंग पहाड़ियों के गोरखाओं से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी की वार्ताकार के रूप में नियुक्ति को रद्द कर दें। प्रधानमंत्री को लिखे अपने दो पन्नों के पत्र में बनर्जी ने कहा कि यह कदम संवैधानिक प्रावधानों और गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) अधिनियम, 2011 के तहत राज्य के अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करता है।

बनर्जी ने 18 अक्टूबर के अपने पूर्व पत्र का उल्लेख करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनकी चिंताओं को स्वीकार किया है और उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री को भेज दिया है। उन्होंने लिखा, ‘‘यह गंभीर चिंता का विषय है कि मेरे पत्र के जवाब में कोई और संवाद किए बिना तथा आपके हस्तक्षेप के बावजूद गृह मंत्रालय के अधीन वार्ताकार का कार्यालय पहले ही काम करना शुरू कर चुका है।''

उन्होंने इस घटनाक्रम को ‘‘वास्तव में चौंकाने वाला'' बताया। बनर्जी ने केंद्र के फैसले को ‘‘एकतरफा और मनमाना'' बताते हुए कहा कि यह ‘‘पश्चिम बंगाल सरकार के परामर्श या सहमति के बिना'' लिया गया है। जीटीए अधिनियम, 2011 का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून ‘‘सरकार को स्पष्ट रूप से पश्चिम बंगाल राज्य की सरकार के रूप में परिभाषित करता है'' और इसलिए ‘‘केंद्र सरकार के पास इन क्षेत्रों से संबंधित मामलों में किसी भी प्रतिनिधि या मध्यस्थ को नियुक्त करने का कोई अधिकार नहीं है।''

उत्तर बंगाल में कलिम्पोंग और दार्जिलिंग जिलों के कुछ हिस्सों का शासन इस अधिनियम के तहत आता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र द्वारा वार्ताकार की नियुक्ति संघ और राज्यों के बीच शक्तियों के संवैधानिक वितरण का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक बार फिर आपके हस्तक्षेप की उम्मीद करती हूं और आपसे इस असंवैधानिक और मनमाने आदेश को रद्द करने का अनुरोध करती हूं।''


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Content Editor

Mansa Devi

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