जामिया हिंसा: इंडिया गेट पर प्रियंका गांधी का धरना खत्म, बोली- सरकार कर रही है संविधान से छेड़छाड़

punjabkesari.in Monday, Dec 16, 2019 - 06:30 PM (IST)

नई दिल्ली:  विवादित संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया और देश के अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में पार्टी नेता सोमवार को यहां इंडिया गेट पर धरने पर बैठ गए। वाड्रा के साथ अहमद पटेल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सिंह सुरजेवाला हैं। उनके अलावा सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता भी थे। प्रियंका गांधी का धरना सांकेतिक है और उनका धरना खत्म हो चुका है. लेकिन जिस तरह से प्रियंका, मुद्दों को उठाकर लोगों से जुड़ रही हैं वह पार्टी के लिए अच्छे संकेत माने जा रहे हैं।

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 इंडिया गेट पर धरने पर बैठने से पहले, वाड्रा ने जामिया के छात्रों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का हवाला देकर मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि देश का माहौल ‘खराब' हो गया है। वाड्रा ने कहा, ‘‘ देश का वातावरण खराब है। पुलिस (छात्रों) को पीटने के लिए विश्वविद्यालय में घुस कर पीट रही है। सरकार संविधान से छेड़छाड़ कर रही है। हम संविधान के लिए लड़ेंगे।'' कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि शाम चार बजे शुरू हुआ धरना दो घंटे का है और यह जामिया मिल्लिया इस्लामिया तथा अन्य स्थानों के छात्रों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए किया जा रहा है। बिना विश्वविद्यालय प्रशासन की इजाजत के पुलिस के जामिया परिसर और उसके पुस्तकालय में घुसकर आंसू गैस के गोले छोड़ने के खिलाफ देशभर के हजारों छात्र सड़कों पर आ गए हैं और घटना की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं। 

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रविवार को जामिया के पास संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा था जो हिंसक हो गया। इसके बाद पुलिस विश्वविद्यालय परिसर में घुस गई। कांग्रेस और कई विपक्षी पार्टियों ने जामिया के छात्रों के खिलाफ कथित ‘बर्बरता' की निंदा की और मामले की न्यायिक जांच की मांग की। आज़ाद ने कहा, ‘‘ जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को प्रवेश की इजाजत नहीं दी, तब पुलिस जामिया में कैसे घुस सकती है और ऐसी बर्बरता कर सकती है?'' कांग्रेस नेताओं आजाद और कपिल सिब्बल, माकपा नेता सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी राजा, राजद के मनोज झा, सपा के जावेद अली खान और शरद यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में जामिया के छात्रों पर रविवार को पुलिस की कार्रवाई की निंदा की। आज़ाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आरोप का खंडन किया कि हिंसक प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस का हाथ है। उन्होंने कहा,‘‘ऐसे आरोप लगाना गलत है और हम इसकी निंदा करते हैं।'' येचुरी ने घटना की उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा जांच की मांग की। 

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Edited By

Anil dev

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