सीआईसी का PMO का सवाल- कोहिनूर को भारत लाने के लिए क्या किया?

punjabkesari.in Monday, Jun 04, 2018 - 05:58 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय सूचना आयोग ने भारत की धरोहर रहे कोहिनूर हीरे को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय से जवाब मांग है। सीआईसी ने पूछा कि सरकार ने बेशकीमती कोहिनूर हीरे को स्वदेश लाने के लिए क्या कोशिशें की है। इसके साथ ही सीआईसी ने महाराजा रणजीत सिंह का सोने का सिंहासन, शाहजहां का हरिताश्म का शराब का प्याला और टीपू सुल्तान को वापस लाने के लिए किये गये प्रयासों का खुलासा करने के भी पीएमओ को निर्देश दिए। 
PunjabKesari
PMO से मांगी प्रयासों की जानकारी 
यह सारी प्राचीन वस्तुएं भारतीय शानोशौकत की लोककथाओं का हिस्सा हैं और ये औपनिवेशिक आकाओं एवं आक्रमणकर्ताओं द्वारा ले जाए जाने के बाद दुनियाभर में विभिन्न संग्रहालयों की शोभा बढ़ा रही हैं। दरअसल बी के एस आर आयंगर नाम के शख्स ने आरटीआई के तहत इसकी सूचना मांगी थी जिसके बाद सीआईसी ने यह आदेश दिए। आवेदक ने कोहिनूर हीरा, सुलतानगंज बुद्धा, नस्साक हीरा, टीपू सुलतान की तलवार और अंगूठी, महाराजा रणजीत सिंह का सोने का सिंहासन, शाहजहां का हरिताश्म का शराब का प्याला, अमरावती रेलिंग और बुद्धपाडे, सरस्वती की संगमरमर की मूर्ति - वाग्देवी तथा टीपू के मेकैनिकल बाघ को वापस लाने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास से जुड़े रिकार्ड मांगे थे। 

PunjabKesari
प्राचीन वस्तुओं का अवैध रुप से किया निर्यात 
विदेश मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस आवेदन को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पास भेज दिया। जिसके जवाब में विभाग ने कहा कि वह केवल उन्हीं प्राचीन वस्तुओं को फिर से हासिल करने का प्रयास करती है जो प्राचीन वस्तु एवं कला संपदा अधिनियम, 1972 का उल्लंघन कर अवैध रुप से विदेश निर्यात की गई है। सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्यलु ने कहा कि ये चीजें भारत की हैं और अतीत वर्तमान और भविष्य के लोगों में उन्हें फिर हासिल किए जाने में रुचि है। सरकार इन भावनाओं की अनदेखी नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय को आश्वासन दिया था कि वह प्रयास जारी रखेगा, ऐसे में इसे लेकर किए गए प्रयासों की जानकारी देना उसका काम था। 
PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News