चीन की नौसेना बनी और खतरनाक: तीसरा ‘समुद्री दैत्य फुजियान’ किया लांच, भारत-अमेरिका की बढ़ी चिंता
punjabkesari.in Sunday, Sep 14, 2025 - 06:53 PM (IST)

International Desk: एशिया की समुद्री ताकत के संतुलन में बड़ा बदलाव होने वाला है। चीन ने ऐलान कर दिया है कि उसका तीसरा और अब तक का सबसे शक्तिशाली विमानवाहक पोत फुजियान (Type-003) अब सेवा में शामिल होने को पूरी तरह तैयार है। यह कदम न केवल अमेरिका के सामने उसकी सैन्य ताकत को चुनौती देगा, बल्कि हिंद महासागर और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत समेत पड़ोसी देशों के लिए भी चिंता बढ़ा देगा।
शंघाई से रवाना हुआ फुजियान
सोशल मीडिया तस्वीरों में फुजियान को शंघाई के जियांगन शिपयार्ड से निकलते देखा गया। इंजन चालू होते ही जहाज से घना धुआं निकलता दिखा। पिछले तीन महीने से इसका मेंटेनेंस चल रहा था। अब यह परीक्षणों के बाद सीधे नौसेना के बेड़े में शामिल होने की तैयारी में है। 18 सितंबर 2025 को चीन पर जापानी हमले की बरसी पर इसे कमीशन करने की संभावना।एक अक्टूबर 2025 को राष्ट्रीय दिवस पर भी इसका नौसेना में औपचारिक स्वागत हो सकता है।
कौन से विमान तैनात होंगे?
- J-35A स्टील्थ फाइटर
- J-15T फाइटर जेट
- J-15DT इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्लेन
- KJ-600 चेतावनी विमान
- मई 2024 से इन विमानों की लगातार टेस्टिंग हो रही है।
‘समुद्री किला’ क्यों है खास?
- लंबाई: 320 मीटर, चौड़ाईः 78 मीटर, ड्राफ्टः 11.5 मीटर
- 3 इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट, 2 एयरक्राफ्ट लिफ्ट और अरेस्टिंग डिवाइस
- चीन का पहला सुपर कैरियर जो पूरी तरह घरेलू तकनीक से बना है।
- दुनिया में अमेरिका के USS Gerald R. Ford के बाद यह दूसरा कैरियर है जिसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट सिस्टम है।
भारत और एशिया पर असर
चीन के पास पहले से दो कैरियर हैं लियाओनिंग और शेडोंग। फुजियान के जुड़ने से उसकी समुद्री ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि हिंद महासागर में चीन की मौजूदगी और आक्रामक होगी। यह भारत और एशिया-प्रशांत देशों के लिए नई रणनीतिक चुनौती है।