पाक में मिलिट्री बेस को लेकर चीन का नया खुलासा

punjabkesari.in Thursday, Jan 11, 2018 - 10:59 AM (IST)

बीजिंग/इस्लामाबादः चीन-पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट के करीब मिलिट्री बेस बनाने की खबरों को लेकर चीन ने नया खुलासा किया है। चीन ने कहा है कि हम चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी CPEC प्रोजेक्ट को लेकर ही आगे बढ़ रहे हैं। उनका पाक में  मिलिट्री बेस बनाने का कोई इरादा नहीं। दुनिया को इससे ज्यादा कयास लगाने की कोई जरूरत नहीं होनी चाहिए। चीन की इस कोशिश के बारे में  भारत और अमरीका ने चिंता जताई थी। बता दें कि चीन अफ्रीका के जिबूती में नेवी बेस बना चुका है। दरअसल लंबे वक्त से वर्ल्ड मीडिया में इस तरह की खबरें थीं कि चीन पाकिस्तान पर दबाव डालकर ग्वादर में मिलिट्री बेस बनाने की तैयारी कर रहा है। वॉशिंगटन पोस्ट ने तो सैटेलाइट इमेजेस के जरिए बताया था कि ग्वादर में चीन की आर्मी मौजूद है। 

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रेडियो पाकिस्तान ने चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन लू कांग के हवाले से कहा- CPEC हमारे वन बेल्ट, वन रोड प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है। ये चीन और पाकिस्तान के हितों के लिए बेहद जरूरी प्रोजैक्ट है। जब कांग से ये पूछा गया कि क्या चीन ग्वादर के करीब मिलिट्री बेस भी बनाने जा रहा है तो कांग ने कहा- दुनिया एेसे कयास लगाने बंद करे, चीन की एेसी कोई योजना नहीं है। हम वहां सिर्फ इकोनॉमिक कॉरिडोर बना रहे हैं। जुलाई 2017 में यूएस डिफेंस डिपार्टमैंट की एक रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया था कि चीन दुनिया में अपना मिलिट्री दबदबा बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और इसलिए वो दुनिया के कई देशों में मिलिट्री बेस बनाने जा रहा है, इनमें पाकिस्तान भी शामिल है। 

 बता दें कि 46 अरब डॉलर का चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) ग्वादर को चीन के शिनजियांग को जोड़ेगा। भारत, ईरान और अफगानिस्तान मिलकर चाबहार पोर्ट बना रहे हैं। ग्वादर को इसका जवाब माना जा रहा है।  बलूचिस्तान का ग्वादर मुंबई से पास है। ग्वादर के पास नेवी बेस बनाकर चीन अरब सागर में पैठ बनाना चाहता है। जीवानी चाबहार (ईरान) से बेहद कम दूरी पर है। भारत, ईरान और अफगानिस्तान मिलकर चाबहार पोर्ट बना रहे हैं, जो भारत-अफगानिस्तान के बीच एक ट्रेड कॉरिडोर की तरह काम करेगा।


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