पश्चिम बंगाल चुनाव काे प्रभावित करने के चीन के मंसूबे फेल

punjabkesari.in Monday, May 03, 2021 - 11:45 AM (IST)

जालंधर 2 मई (नरेश अरोड़ा): दुनिया में वामपंथ के गढ़ चीन की नजरें भी असम के साथ पश्चिम बंगाल के चुनाव परिणाम पर भी लगी हुई थीं लेकिन चुनाव नतीजों के बाद चीन को भी झटका लगा है। खुफिया एजेंसियों के पास इनपुट था कि चीन पश्चिम बंगाल चुनाव में लैफ्ट को मजबूत होते देखना चाहता है, क्योंकि देश के वामपंथी वैचारिक तौर पर चीन के करीब हैं और इस मकसद से चीन ने चुनाव में अप्रत्यक्ष तरीके से वित्तीय मदद भी की थी लेकिन चुनाव नतीजों ने चीन के मंसूबे फेल कर दिए हैं। क्योंकि पश्चिम बंगाल में लैफ्ट की तीनों पार्टियां कुल मिला कर 5 फीसदी वोट भी हासिल नहीं कर सकीं। 

खास तौर आसाम में भाजपा की वापसी से चीन को ज्यादा झटका लगा है। असम चीन की सीमा के करीब है और केंद्र में में आधारभूत ढांचे पर काफी काम किया गया है। यह काम चीन को रास नहीं आ रहा। देश का पूर्वोत्तर क्षेत्र नक्सलियों का केंद्र भी है और इनके जरिए पूर्वोत्तर भारत को अशांत रखना चीन को खूब रास आता है लेकिन अब पूर्वोन्य के सबसे बड़े राज्य असम में भाजपा की कापी से चीन को तगड़ा झटका लगा है।

 

चुनाव प्रचार के दौरान चीनी नेता की तारीफ
पांच राज्यों के चुनाव प्रचार के बीच 19 फरवरी को सी. पी. आई एम) की पहुंचेरी यूनिट ने 19 फरवरी को मारे गए चीनी नेता कामरेड डेंग शिनपिंग की तारीफ में कसीदे पढ़कर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। पार्टी ने ट्वीट में लिखा, 'डेंग शिनपिंग 1978 से 1989 के बीच चीन के क्रांतिकारी नेता रहे। उन्होंने माक्र्स और लेनिन की नीतियों पर चलते हुए चीन के विकास के लिए अहम काम किए।'

सी.पी.आई (एम) के इस ट्वीट के बाद भाजपा ने लैफ्ट पर हमला बोलते हुए कहा था कि केरल और पश्चिम बंगाल के लोगों को समझ लेना चाहिए कि लैफ्ट के नेताओं की प्राथमिकता चीन का गुणगान करना है। लोग इस सोच को नकार दें, क्योंकि यह सोच न तो देश के सैनिकों के साथ खड़े होने की है और न ही देश के आम लोगों के साथ खड़े होने की है।


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vasudha

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