भारतीय वायुसेना की उड़ान को मंजूरी देने में विलंब पर चीन ने दी सफाई

punjabkesari.in Monday, Feb 24, 2020 - 05:10 PM (IST)

 बीजिंग: चिकित्सा सामग्री लेकर करोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित चीनी शहर वुहान जाने और वहां से भारतीयों को लेकर वापस आने के लिए वायुसेना की एक विशेष उड़ान को मंजूरी देने में हुई देरी के संबंध में दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में थे। चीन ने सोमवार को यह जानकारी दी। भारत ने वायुसेना के सबसे बड़े विमान सी-17 ग्लोबमास्टर को चिकित्सा सामग्री के साथ चीन भेजने और कोरोना वायरस प्रभावित चीन के हुबेई प्रांत से 100 से ज्यादा भारतीयों को लेकर आने की अपनी योजना की घोषणा की थी।

 

भारत ने विमान में जगह उपलब्ध रहने पर दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से निकालने की पेशकश की थी।   विमान को मंजूरी देने में हुए विलंब से जुड़े एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, “दोनों देशों के सक्षम प्राधिकारियों में इस मामले में संवाद व समन्वय बना हुआ था।” संक्षिप्त जवाब में यह नहीं कहा गया कि उड़ान को मंजूरी कब दी जाएगी। चीनी विदेश मंत्रालय का यह नया बयान वहां फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने के लिये भारत के विशेष विमान को मंजूरी मिलने में हुई देरी को लेकर दोनों देशों के बीच पहले हो चुकी बयानबाजी के बाद आया है। यह विमान चिकित्सा सामग्री लेकर वुहान जाने वाला है और लौटते समय उसे वहां फंसे भारतीयों को अपने साथ लाना है। भारतीय अधिकारियों ने पूर्व में कहा था कि उड़ान में विलंब हुआ क्योंकि उसे चीनी सरकार से इजाजत नहीं मिली थी।

 

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने बीते शुक्रवार अपनी ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में किसी तरह की देरी से इंकार किया था लेकिन उड़ान को वुहान जाने की मंजूरी देने नहीं दिये जाने का कोई कारण नहीं बताया था। नयी दिल्ली में चीनी दूतावास ने रविवार को कहा, “चीनी पक्ष हमेशा चीन में रह रहे भारतीय नागरिकों के स्वास्थ्य व सुरक्षा को काफी महत्व देता है और भारतीय नागरिकों के लौटने में सहायता भी करता है।” दूतावास ने कहा था, ‘‘हुबेई प्रांत में महामारी की स्थिति गंभीर है और कोविड-19 की रोकथाम व नियंत्रण महत्वपूर्ण चरण में है। हम जमीनी स्थिति का सावधानीपूर्वण आकलन कर रहे हैं जैसा की रोकथाम के काम के लिये जरूरी है। दोनों देशों के सक्षम अधिकारी इस संबंध में संपर्क और समन्वय में हैं। ऐसी कोई बात नहीं है कि चीन जानबूझकर उड़ान को मंजूरी देने में देरी कर रहा है।''  

 

 


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Tanuja

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