पुलवामा हमलाः UNSC के बयान में देरी का कारण बना चीन, पाक की खातिर लगाया अड़ंगा

punjabkesari.in Saturday, Feb 23, 2019 - 01:45 PM (IST)

न्‍यूयार्कः पुलवामा हमले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के बयान में एक हफ्ते की देरी का कारण पाकिस्तान के खास दोस्त चीन को बताया जा रहा है क्योंकि चीन नहीं चाहता था कि बयान में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद का जिक्र हो। माना जा रहा है कि सुरक्षा परिषद के बयान को जहां पाक के लिए झटका माना गया तो वहीं भारत की कूटनीतिक जीत भी माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अमेरिका के भारी दबाव के चलते चीन की कुटिल चाल कामयाब नहीं हुई। संयुक्त राष्ट्र की सबसे ताकतवर संस्थान 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद का चीन भी सदस्य है।
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वह चाहता था कि सुरक्षा परिषद के निंदा प्रस्ताव में जैश का उल्लेख न हो। चूकि, प्रस्ताव पर सभी सदस्यों की सहमति जरूरी होती है, इसलिए चीन कोई न कोई बहाना बनाकर अपनी सहमति देने से बचता रहा। सूत्रों के अनुसार पिछले एक हफ्ते के भीतर इस मामले पर काफी माथापच्ची हुई। पहले पुलवामा हमले पर UNSC बयान 15 फरवरी की शाम को ही जारी होने वाला था लेकिन चीन लगातार समय बढ़वाता रहा। 15 फरवरी को जब 14 सदस्य देश बयान जारी करने वाले थे, तब चीन ने 18 फरवरी तक का समय मांगा। दो बार तो चीन ने कई बदलाव रखे, जिससे प्रक्रिया को टाला जा सके। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने तो सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष से मुलाकात भी की थी, पर उनकी मंशा पूरी नहीं हो सकी।
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गौरतलब है कि सुरक्षा परिषद में 15 स्थायी और अस्थायी सदस्य हैं। संयुक्त राष्ट्र की सबसे ताकतवर 15 सदस्यीय संस्था ने अपनी निंदा में पाकिस्तान में पल रहे आतंकी संगठन का नाम भी लिया है। इसमें वीटो पॉवर वाला चीन भी शामिल है, जिसने जैश सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के सुरक्षा परिषद प्रतिबंध कमेटी की कोशिशों को रोक दिया था। बयान में आगे कहा गया है कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों का मानना है कि किसी भी रूप में आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है।

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Tanuja

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