AIIMS-WHO का सर्वे, जल्द आएगी कोरोना की तीसरी लहर...पर बच्चों पर नहीं होगा ज्यादा

punjabkesari.in Friday, Jun 18, 2021 - 09:14 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में तबाही मचाने के बाद कोरोना की दूसरी लहर धीमी पड़ गई है लेकिन खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं। विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि जल्द ही कोरोना तीसरी लहर आ सकती है। वहीं खबरें हैं कि तीसरी लहर से बच्चों को सबसे ज्यादा नुक्सान पहुंच सकता है लेकिन WHO-AIIMS के सर्वे ने साफ कर दिया है कि बच्चों पर इसका कोई ज्यादा प्रभाव नहीं होगा। ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे यह साबित हो सके कि तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी। सर्वेक्षण में पाया गया है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका कम है। सर्वे में वयस्कों के मुकाबले बच्चों में सार्स-सीओवी-2 की सीरो पॉजिटिविटी रेट ज्यादा थी।

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यह सर्वेक्षण देश के 5 राज्यों में किया गया था। इस सर्वेक्षण में 10 हजार नमूने लिए गए। अध्ययन के अंतरिम नतीजे मेडआरक्सीव में जारी किए गए हैं जो एक प्रकाशन पूर्व सर्वर है। ये नतीजे 4,509 भागीदारों के मध्यावधि विश्लेषण पर आधारित हैं। इनमें दो से 17 साल के आयु समूह के 700 बच्चों को, जबकि 18 या इससे अधिक आयु समूह के 3,809 व्यक्तियों को शामिल किया गया। आंकड़े जुटाने की अवधि 15 मार्च से 15 जून के बीच की थी। इन्हें पांच स्थानों से लिया गया, जिनमें दिल्ली शहरी पुनर्वास कॉलोनी, दिल्ली ग्रामीण (दिल्ली-एनसीआर के तहत फरीदाबाद जिले के गांव), भुवनेश्वर ग्रामीण क्षेत्र, गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र और अगरतला ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं।

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ये नतीजे बहु-केंद्रित, आबादी आधारित, उम्र आधारित सीरो मौजूदगी अध्ययन का हिस्सा है, जिसे AIIMS के निदेशक रणदीप गुलेरिया और डिपार्टमेंट फॉर सेंटर ऑफ मेडिसीन के प्रोफेसर पुनीत मिश्रा, शशि कांत और संजय के राय सहित अन्य विशेषज्ञों द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन यूनिटी अध्ययनों के तहत किया जा रहा है।  नतीजों में कहा गया है कि सीरो मौजूदगी 18 साल से कम उम्र के आयु समूह में 55.7 है और 18 साल से अधिक उम्र के आयु समूह में 63.5 प्रतिशत है। वयस्कों और बच्चों के बीच मौजूदगी में सांख्यिकी रूप से कोई मायने रखने वाला कोई अंतर नहीं है। अध्ययन के नतीजे के मुताबिक शहरी स्थानों (दिल्ली में) की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में सीरो पॉजिटिविटी दर कम पाई गई। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों में वयस्कों की तुलना में अपेक्षाकृत कम सीरो पॉजिटिविटी पाई गई।

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Content Writer

Seema Sharma

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