जहरीले सांपों के साथ खेलते है बच्चे, परिवारिक मैबरों की तरह रहन सहन... जानें भारत के इस गांव का रहस्य
punjabkesari.in Wednesday, Dec 03, 2025 - 12:49 AM (IST)
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में स्थित शेतपाल गांव भारत ही नहीं, दुनिया भर में अपनी अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां जहरीले सांप परिवार के सदस्य की तरह लोगों के बीच रहते हैं- और सबसे हैरानी की बात यह कि किसी को डर नहीं लगता।
हर घर में सांप- और उसके लिए ‘आराम की जगह’ भी
शेतपाल के हर घर में सांपों के लिए एक खास स्थान बनाया जाता है। यहां सांप उतनी ही सहजता से आते-जाते हैं जैसे किसी आम घर में बिल्ली या कुत्ता।
- अगर कोई सांप किचन या बेडरूम में दिख जाए- गांव वाले घबराते नहीं।
- वे मानते हैं कि सांप उनके साथ रहते हैं, इसलिए उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाते।
बच्चे और सांप- दोस्ताना रिश्ता
शेतपाल की सबसे अद्भुत बात यह है कि यहां के बच्चे कोबरा के साथ खेलते हैं। बचपन से ही बच्चे सांपों को, सम्मान देना, छूना संभालना सीख जाते हैं। वे सांपों से ऐसे मिलते हैं जैसे किसी साथी से।
जहरीले होने के बावजूद डंसने की घटनाएं बेहद कम
गांव वालों के अनुसार- 'हम सांपों की इज्जत करते हैं, इसलिए सांप भी हमें नुकसान नहीं पहुंचाते।” शायद यही कारण है कि सोलापुर का यह गांव आज भी सांपों के साथ सौहार्द का अनूठा उदाहरण बना हुआ है।
नागों का आध्यात्मिक महत्व
यहां भगवान शिव की गहरी आस्था होने के कारण कोबरा की पूजा विशेष श्रद्धा से की जाती है। गांव के लोग मानते हैं कि सांप उनके संरक्षक हैं।
देश–दुनिया से आते हैं रिसर्चर और टूरिस्ट
शेतपाल की यह अनोखी परंपरा- वैज्ञानिकों, सर्प विशेषज्ञों और एडवेंचर टूरिस्ट को लगातार आकर्षित करती है। यह गांव रोमांच, विरासत और संस्कृति का अनोखा संगम है।
एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचता ज्ञान
यहां सांपों के साथ सुरक्षित रहने की कला माता-पिता अपने बच्चों को सिखाते हैं। गांव के लोग जानते हैं कि सांपों के पास कैसे जाएं और उनका सम्मान कैसे करें।
