मुख्यमंत्री रेड्डी का बीआरएस पर हमला, कहा- तेलंगाना को 10 वर्षों में 100 साल का विनाश झेलना पड़ा

punjabkesari.in Sunday, Jun 02, 2024 - 07:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क : तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने रविवार को दावा किया कि राज्य को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 10 साल के शासन के दौरान ‘‘100 साल का विनाश'' झेलना पड़ा। रेड्डी ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के सांस्कृतिक और आर्थिक पुनरुद्धार के लिए काम कर रही है और उन्होंने राज्य को दुनिया के लिए एक गंतव्य बनाने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा आयोजित 10वें तेलंगाना स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए केंद्र की पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान तेलंगाना के लिए राज्य के दर्जे की दशकों पुरानी मांग पूरा करने के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को धन्यवाद दिया।

उन्होंने सोनिया गांधी को इस कार्यक्रम में आमंत्रित करने के अपनी सरकार के फैसले का भी बचाव किया, हालांकि वह इसमें शामिल नहीं हुईं। कार्यक्रम में सोनिया गांधी का एक वीडियो संदेश चलाया गया। उन्होंने 2014 में संसद में तेलंगाना राज्य के गठन के लिए विधेयक पारित करने में सोनिया गांधी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिवंगत नेता सुषमा स्वराज द्वारा निभायी गई महत्वपूर्ण भूमिका को याद किया। उन्होंने सवाल किया, ‘‘हमने तेलंगाना के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने वालीं सोनिया गांधी को राज्य स्थापना दिवस समारोह में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। किसी ने पूछा कि उन्हें किस हैसियत से आमंत्रित किया गया है। क्या मां को बच्चे के घर में आमंत्रित करने के लिए अनुमति की आवश्यकता होती है?"

उन्होंने कहा कि जब तक तेलंगाना का इतिहास रहेगा, सोनिया गांधी को तेलंगाना समाज द्वारा "मां" के रूप में मान्यता और सम्मान दिया जाएगा। तेलंगाना स्थापना दिवस समारोह में सोनिया गांधी को आमंत्रित करने के कांग्रेस सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए भाजपा ने कहा था कि सरकार को लोगों को बताना चाहिए कि सोनिया गांधी को किस हैसियत से आमंत्रित किया जा रहा है। वर्ष 2014 में लोकसभा में तेलंगाना विधेयक पारित होने में सोनिया गांधी, मीरा कुमार और सुषमा स्वराज की भूमिका को याद करते हुए रेवंत रेड्डी ने राज्य की जनता की ओर से उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उस समय लोकसभा में विपक्ष की नेता रहीं सुषमा स्वराज ने विधेयक पारित होने में सहयोग दिया था।

उन्होंने पार्टी का नाम लिए बिना राज्य में कथित विनाश के लिए पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘10 साल के शासन के दौरान, तेलंगाना ने 100 साल का विनाश झेला है। यह सिर्फ भौतिक विनाश नहीं था, बल्कि मौलिक स्वतंत्रता पर भी हमला किया गया। सामाजिक न्याय से वंचित किया गया। राज्य की संपत्ति, जो सभी लोगों की होनी चाहिए, कुछ लोगों के हाथों में चली गई।” उन्होंने बीआरएस पर तेलंगाना की संस्कृति और परंपराओं को नष्ट करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सत्ता संभालने के तुरंत बाद, उनकी सरकार ने “स्वतंत्रता” बहाल की और सरकार को लोगों के लिए सुलभ बनाया।

रेड्डी के अनुसार, पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री के शिविर कार्यालय-सह-आधिकारिक आवास का नाम समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के नाम पर रखा गया है और लोगों की शिकायतों पर उनके प्रतिवेदन प्राप्त करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के सांस्कृतिक और आर्थिक पुनरुद्धार की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के गठन के 10 साल बाद भी राज्य के पास कोई आधिकारिक गीत नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों की इच्छा के अनुसार, सरकार आज से तेलंगाना के प्रसिद्ध कवि अन्दे श्री द्वारा रचित गीत "जय जय हे तेलंगाना..." को राज्य का आधिकारिक गीत घोषित कर रही है। आधिकारिक कार्यक्रम के दौरान, रेवंत रेड्डी ने वह गीत जारी किया, जिसका संगीत ऑस्कर विजेता संगीत निर्देशक एम एम कीरावानी ने तैयार किया है।


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News Editor

Parveen Kumar

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