नेताजी के पड़पोते का अजीबोगरीब बयान- बकरी को मानें माता, गांधी जी पीते थे इसका दूध
punjabkesari.in Saturday, Jul 28, 2018 - 01:56 PM (IST)
नेशनल डेस्क: नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पड़पोते और भजपा नेता चंद्र कुमार बोस मॉब लिन्चिंग पर दिए गए बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। दरअसल कुछ दिन पहले बोस ने एक ट्वीट किया था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी बकरी को मां का दर्जा देते थे, इस आधार पर हिन्दुओं को बकरी का मीट खाना छोड़ देना चाहिए। उनके इस बयान को लेकर जमकर हंगामा हुआ।
चंद्र कुमार बोस ने कहा था कि महात्मा गांधी जब कोलकाता में मेरे दादा के घर रुके थे तो उन्होंने बकरी के दूध की मांग की थी, उनके लिए दो बकरियां लाई गई। उन्होंने कहा कि गांधी जी जिन्हें हिंदुओं का रक्षक माना जाता था, उन्होंने बकरी का दूध पीकर उसे मां समान माना, ऐसे में हिंदुओं को बकरी का मीट खाना बंद कर देना चाहिए। हालांकि विवाद बढ़ता देख बोस ने सफाई दी कि लोगों को मेरे ट्वीट के पीछे कि सूक्ष्मता को समझना चाहिए। पूरा देश लिन्चिंग की बढ़ती घटनाओं से हैरान है।
नेताजी के पड़पोते ने कहा कि देश में गाय आधारित जो राजनीति और भाजपा शासित राज्यों में लिन्चिंग चल रही है वो बेहद घटिया है। गांधी जी ने हमारे घर में रहते हुए बकरी के दूध पर बल दिया था। यह माना जा सकता है कि उन्होंने बकरी को मां की तरह माना। इस पर कोई विवाद या तर्क करने की जरूरत नहीं है। वहीं उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी जंग छिड़ गई है।
बोस के इस ट्वीट पर त्रिपुरा के गवर्नर तथागत राय ने सख्त आपत्ति दर्ज करते हुए इसे राष्ट्रपिता का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि न ही गांधी जी न आपके ग्रैंडफादर ने कभी कहा कि बकरी हमारी माता है, यह आपका निष्कर्ष है। न ही कभी गांधीजी ने यह जताया कि वह हिन्दुओं के रक्षक हैं हम हिन्दू गाय को अपनी माता मानते हैं न कि बकरी कों कृपया कर ऐसा न करें।
इसके जवाब में बोस ने लिखा कि हम कट्टर हिंदू हैं लेकिन हमें नहीं लगता धर्म का किसी की खाने की आदतों से संबंध है। हम ऐसे विचारों का विरोध करते हैं और हमें नहीं लगता कि भारत में ऐसे विचारों की जगह है। इस पर गवर्नर ने पलटवार करते हुए लिखा कि मैं आपको समझ नहीं पा रहा हूं. यहां हम कौन हैं? क्या गाय को मां मानना कट्टर विचार है? या जो लोग गाय को मां मानते हैं उनके लिए भारत में कोई जगह नहीं है? मुझे आपको साफ जवाब देने के लिए शुक्रिया कहना चाहिए।